डेस्क न्यूज़- आंध्रप्रदेश से एक शर्मनाक मामला सामने आया है। गांव में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी। जिसके बाद परिवार के लोगों को ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार करने की अनुमति नहीं दी। ग्रामीणों ने कहा कि महिला गर्भवती है, इसलिए अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी जाएगी। ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से गांव में बुरा होगा।
जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों ने महिला के शव को जंगल में ही एक पेड़ से बांध दिया। इसके बाद सभी वहां से चले गए। यह घटना कुरनौल के बी नागिरदीपल्ली गांव की है। पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मामले की जानकारी देते हुए सब इंस्पेक्टर राममोहन रेड्डी ने कहा, महिला की शनिवार को मौत हो गई। उनका परिवार अंतिम संस्कार करने के लिए उनका पार्थिव शरीर लेकर आया। लेकिन स्थानीय लोगों ने ऐसा करने से मना कर दिया। इन लोगों का मानना है कि महिला के पेट में बच्चा है, इसलिए उसका अंतिम संस्कार करना सही नहीं होगा।
इसके बाद मृतक महिला के परिजन उसका शव जंगल में छोड़कर चले गए। जब कुछ लोगों ने इस अवस्था में महिला का शव देखा, तो उन्होंने पुलिस को इसके बारे में सूचित किया।
महिला की मौत से उसके परिवार के सदस्य पहले से ही दुखी थे, लेकिन ग्राम प्रधानों के अंधविश्वास ने उन्हें और भी परेशान कर दिया। इस घटना से आसपास के लोगों में भी भय का माहौल है। इस आधुनिक युग में भी, इस तरह के लोगों का अंधविश्वास समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
जानकारी के अनुसार, इस गांव में रहने वाले धर्मेंद्र नाम के व्यक्ति की शादी करीब डेढ़ साल पहले 20 साल की लवानिया से हुई थी। 9 महीने की गर्भवती लावण्या को प्रसव के दौरान शुक्रवार को शिरवेली गांव के नंद्याल सरकारी अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों की लापरवाही के कारण प्रसव से पहले लावण्या की मौत हो गई।
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