एम्स मे चल रहा जालसाजों का खेल , एक महिला के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बने आयुर्विज्ञान संस्थान का भले ही अभी तक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन भी न किया गया हो , मगर उससे पहले ही ये संस्थान जालसाजी का अड्डा बन चुका है
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गोरखपुरः जिले में आये दिन एम्स में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं और महिलाओं से लाखों की ठगी हो रही है। अब तो खोराबार निवासी सरिता की तहरीर पर नंदानगर दरगहिया निवासी मीरा के खिलाफ खोराबार थाने में धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के आरोप में केस भी बुधवार की देर रात दर्ज हो चुका है. ये एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का पहला केस दर्ज हुआ है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

सीओ कैंट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा

सीओ कैंट के निर्देश पर खोराबार थाने में बुधवार की रात दर्ज हुए मुकदमे में फरियादी खोराबार के नदुआ छावनी निवासी सरिता ने पुलिस को बताया कि बेलीपार के महाबीर छपरा निवासी रेखा और खोराबार के फुरसतपुर निवासी रमावती ने उसे बताया कि नंदानगर दरगहिया निवासी मीरा पत्नी सुनील कुमार एम्स में सफाई कर्मी, वार्ड ब्वाय, कंप्यूटर कैशियर की नौकरी दिलवा रही हैं। जिसके बाद रेखा और रमावती के साथ सरिता बीते 2 जुलाई को एम्स के बाहर नौकरी दिलवाने वाली मीरा से मिली. सरिता के साथ खोराबार के बड़गो निवासी मंजू गौड़ और बेलीपार के महाबीर छपरा निवासी राधिका गौड़ भी थी।

अधिकारियों से अच्छे सम्बन्ध का दिया झांसा

सरिता और अन्य लोगों के मिलने पर आरोपी मीरा ने बताया कि वह एम्स में काम करती हैं और वहां के अधिकारियों पंकज सिंह सोलंकी और विनोद यादव से अच्छे संबंध हैं। वह उन लोगों का विभिन्न पदों पर संविदा पर नौकरी लगवा देगी। लेकिन एक नौकरी का 50 हजार से डेढ़ लाख रुपये लगेंगे

दर्ज मुकदमे के अनुसार सरिता ने अपना और 11 अन्य लोगों का 1,47,380 रुपये खाते से और 2,90,000 रुपये नगद दिया। इसी प्रकार मंजू गौड़ ने अपना और सात अन्य लोगों का 4,05,000 राधिका गौड़ ने अपना व आठ अन्य लोगों का 2,70,000, मंजू शर्मा ने अपना और 12 अन्य लोगों का 4,20,000, लाल मोहम्मद ने अपना और अपने भाई महबूब अली का 3,00,000 बैजनाथ ने 20 हजार, मेनका ने 20 हजार, विमला ने 20 हजार, लक्ष्मण ने 20 हजार और अमन ने 20 हजार रुपये दिया है। रकम लेने के बाद आरेापी मीरा ने 16 नवंबर 2021 तक नौकरी दिलाने का वादा किया था. लेकिन उसके बाद भी नौकरी नहीं दिलाई और फरार हो गई। परेशान होकर सरिता ने सीओ कैंट से मुलाकात की. जिसके बाद खोराबार पुलिस ने आरोपी मीरा के खिलाफ केस दर्ज किया है।

बड़े पैमाने पर लोग आ रहे नौकरी पाने के झांसे में

जालसाजों की वजह से एम्स में नौकरी पाने का रेला लगा है। लोगों से मोटा पैसा लिया जाता है कुछ को संविदा पर नौकरी मिलती है तो कुछ को हाथ मलना पड़ता है और वे ठगी के शिकार होते हैं। हालांकि एम्स प्रशासन का कहना है कि यहां कोई नौकरी नहीं दी जा रही है, लोग एम्स के अधिकारियों से शिकायत करें तो कार्रवाई होगी। सूत्र बताते हैं कि संविदा पर नौकरी पानी है तो गोरखपुर एम्स के एक गार्ड से सम्पर्क करिए. गोरखपुर या एम्स रायबरेली के लिए उस गार्ड को एक से दो लाख तक रुपये दीजिये , वह इंटरव्यू खुद लेता है।

एसएसपी विपिन टांडा ने बनाई जालसाजों को पकड़ने के लिए ईगल टीम

दूसरी ओर बेरोजगारों को विदेश में, एम्स सहित विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का काम गोरखपुर में धड़ल्ले से चल रहा है। इसको देखते हुए एसएसपी विपिन टांडा ने एसपी सिटी सोनम कुमार के ​नेतृत्व में ईगल नामक टीम भी बना चुके हैं. यह टीम सप्ताह में एक बार चौपाल लगाकर इस तरह के ठगी के मामले को सुन रही है। पिछले सप्ताह लगे चौपाल में एसपी सिटी के सामने विदेश या विभिन्न विभागों में नौकरी के नाम पर ठगी के कुल 40 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें विदेश में नौकरी दिलाने के 23 और विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने के 17 मामले सामने आए हैं। पुलिस ने इन सभी फरियादियों का व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया है. जिसमें की गई कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया जाएगा।

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