डेस्क न्यूज़- भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए या नहीं इस पर आज डोमिनिका की अदालत में सुनवाई होगी, सुनवाई के दौरान भारत की ओर से तर्क दिया जाएगा कि मेहुल चोकसी अभी भी भारत का नागरिक है और उसकी भारतीय नागरिकता अभी समाप्त नहीं हुई है, इसलिए उसे भारत को सौंप दिया जाना चाहिए, मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने के बाद भी भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है, दरअसल मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक से 140000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है, इस मामले में उसके खिलाफ भारत में भी केस चल रहा है, मामले की सुनवाई के लिए भारत से 8 सदस्यों की टीम डोमिनिका पहुंच गई है ताकि चोकसी को प्रत्यर्पित करके भारत लाया जा सके।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नागरिकता अधिनियम 2009 की धारा 23 के अनुसार, एक भारतीय को अपनी नागरिकता छोड़नी पड़ती है और गृह मंत्रालय को इसे मंजूरी देनी होती है, मेहुल चौकसी के मामले में अभी यह प्रक्रिया पूरी होनी बाकी है, नागरिकता त्यागने के लिए व्यक्ति को चयनित अधिकारी को इसकी घोषणा करनी होती है, दस्तावेजों का सत्यापन करना होता है, उसके बाद ही प्रक्रिया पूरी होती है, ऐसे में आज होने वाली सुनवाई के दौरान भारत इस बात को अदालत में मजबूती से रखेगा कि मेहुल चोकसी एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने के बावजूद अभी भी भारत का नागरिक है।
वहीं मेहुल चोकसी की टीम का दावा है कि नागरिकता के नए नियम भारत के संविधान को अलग नहीं कर सकते, चोकसी के वकील का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 9 में कहा गया है कि अगर कोई भारतीय किसी दूसरे देश की नागरिकता के लिए आवेदन करता है तो वह अपने आप भारत की नागरिकता खो देगा, इसलिए भारत की याचिका का कोई आधार नहीं है, रिपोर्ट के मुताबिक चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए ईडी आज डोमिनिका की अदालत में अपील भी करेगा, याचिका में मुख्य रूप से भारत में चोकसी द्वारा किए गए अपराधों के सबूत होंगे, इसके साथ ही ईडी कोर्ट को बताएगा कि कई नोटिस भेजने के बाद भी चोकसी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है, उन्हें दक्षिण मुंबई के पते पर नोटिस भेजा गया है और उनके पासपोर्ट पर भी यही पता लिखा हुआ है।