डेस्क न्यूज़- गिलास भर दूध पीने का विज्ञापन देखकर फिट होने का सपना देख रहा और शरीर को फिट रखने के लिए रोजाना 1 गिलास दूध पर निर्भर रहने वाला भारत मिलावट का मरीज तो नहीं बनता जा रहा है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के अनुसार, देश में दूध की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है। त्योहारों का मौसम नजदीक आ रहा है और इस त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों ने भी अपना काम शुरू कर दिया है। मुंबई में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की टीम इन दिनों मिलावट के रैकेट पर नकेल कस रही है। इस दौरान टीम को मिलावटी दूध बनाने वाले गिरोह के बारे में पता चला जो असली पैकेट में नकली दूध भरता है। नकली दूध का धंधा ।
क्या आप विश्वास के साथ कह सकते हैं कि आपके घर में जो दूध रोज आता है वह शुद्ध होता है और उसमें मिलावट नहीं होती। हम यह सवाल इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि मुंबई में एफडीए ने बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध के निर्माण का भंडाफोड़ किया है, जहां दूध का पैकेट असली है लेकिन दूध मिलावटी हो रहा है। इसके लिए पहले ब्रांडेड कंपनी के पैकेट से दूध निकाला जाता है और फिर असली दूध में पानी मिलाया जाता है। इसके बाद इन पैकेटों में नकली दूध या मिलावटी दूध भरा जाता है।
एफडीए ने अब मिलावट में शामिल गिरोहों को पकड़ना शुरू कर दिया है। हाल ही में एक शिकायत पर टीम ने महाराष्ट्र के मलाड के स्लम इलाके में छापेमारी कर एक घर से 88 लीटर मिलावटी दूध पकड़ा है. इसके बाद दूसरी छापेमारी गौड़ी इलाके में की गई। हालांकि यहां पकड़े गए दूध का सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है। पिछले दो महीनों के दौरान एफडीए ने ब्रांडेड दूध में पानी मिलाने की समस्या की जांच के लिए 16 स्थानों पर छापेमारी की है। इन सभी जगहों पर दूध की थैली काटकर उसमें पानी भर दिया गया। इस कार्रवाई में पानी में मिला 2 हजार 318 लीटर दूध नष्ट हो गया।
मिलावटी दूध के ऐसे बंडलों के खिलाफ एफडीए लगातार कार्रवाई कर रहा है। हालांकि न जाने कितने और गिरोह और न जाने कितना बड़ा मिलावटी दूध का धंधा अभी पकड़ा जाना बाकी है। इस पूरे अभियान में लोगों का सहयोग भी बहुत जरूरी है, इसलिए एफडीए ने अपनी ओर से शिकायतों के लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। इसलिए आप भी अपनी ओर से पूरा ध्यान रखें और दूध जांच कर ही खरीदें।
दूध में ज्यादातर स्टार्च की मिलावट होती है, जिससे दूध को गाढ़ा बनाया जा सके। इसे पहचानने के लिए 2 बर्तनों में दूध को थोड़ा-थोड़ा करके उबाल लें। उबालने के बाद दूध में थोड़ा सा आयोडीन मिलाएं। यदि आयोडीन न हो तो आयोडीनयुक्त नमक डालें। यदि रंग नहीं बदलता है तो दूध शुद्ध है और यदि दूध का रंग नीला है तो स्टार्च पाया गया है। दूध में पानी मिलाने के मामले भी सामने आए हैं। पानी की पहचान करने के लिए दूध की कुछ बूंदों को एक चिकनी सतह पर गिराएं। यदि दूध बिना कोई निशान छोड़े तेजी से बहता है तो वह मिलावटी है। यदि यह धीरे-धीरे बहती है और सफेद धब्बे छोड़ती है, तो दूध शुद्ध होता है।
मिलावटी दूध पीने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इनमें पेट खराब, पेट में ऐंठन और अपच, कब्ज और हैजा, एलर्जी, टाइफाइड, पीलिया, अल्सर और दस्त शामिल हैं। मिलावटी दूध छोटे बच्चों के लिए बेहद हानिकारक होता है।