न्यूज – आज उरी हमले की तीसरी बरसी है,18 सिंतबर 2016 को जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों ने भारतीय सेना पर अचानक हमला कर दिया था। हमले में 19 जवान शहीद हो गए और कई जवान घायल, आतंकवादियों ने 3 मिनट में 17 हैंड ग्रेनेड फेंके थे। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ 6 घंटे तक चली और आखिर में चारों को मौत के घाट उतार दिया गया।
इस हमले को दो दशक में सुरक्षाबलों पर सबसे बड़ा हमला बताया गया, यह हमला ऐसे वक्त पर हुआ, जब कश्मीर घाटी में भयंकर अशांति फैली हुई थी, हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी बुरहान वानी सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में मारा गया था, जिसके बाद घाटी सुलग उठी, इसी का फायदा उठाकर आतंकवादी हमले को अंजाम देने में कामयाब हो गए।
लेकिन आतंकियों की नापाक हरकत पर भारत ने वो रुख नहीं अपनाया, जैसे अब तक चला आ रहा था, इस घटना के बाद भारत का रवैया अचानक बदला और सामने आया एक न्यू इंडिया, जिसमें घर में घुसकर बदला लेने का माद्दा था, इस कायराना हरकत के 11वें दिन यानी 29 सितंबर को भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकवादियों के 6 लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया।
सेना की इस कार्रवाई में 50 आतंकवादी ढेर हो गए और 2 पाक सेना के जवान भी मारे गए, भारतीय पैरा कमांडोज ने जिस अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया, उसने दुनिया को दिखा दिया कि अब देश पर कोई हमला होगा तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, उरी हमले के बाद भारत ने कई ऐसे कदम उठाए, जिसने पाकिस्तान का नापाक चेहरा सबके सामने ला दिया।