जयपुर में करोड़ों की ठगी करने वाले महाठग चढ़े पुलिस के हत्थे, खुद को पता नहीं कितनी कर चुके वारदातें

गरीबों के दस्तावेजों से बदमाश बैंक खाते खुलवाते,मोबाइल सिम लेते और उससे राज्य के बाहर के लोगों के साथ साइबर ठगी करते।
इन ठगो को खुद नहीं पता अब तक कितनो के साथ ठगी की
इन ठगो को खुद नहीं पता अब तक कितनो के साथ ठगी की

जयपुर में करोड़ों की ठगी करने वाले महाठग अब पुलिस के हत्थे चढ़ गए है। जयपुर के सांगानेर थाना पुलिस ने ठगो को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। ठगो ने अब तक लोगो के साथ इतनी ठगी की,उन्हें खुद नहीं पता की उन्होंने कितनो को शिकार बनाया। ठगो की रिपोर्ट जब सांगानेर थाने में दर्ज हुई तो कई वारदातों का खुलासा हुआ। वही ठगो के पास से 35 से ज्यादा अलग - अलग बैंको के ATM कार्ड मिले। 7 लाख 38 हजार रूपए पीड़ित राजाराम गुर्जर के खाते से साफ़ किये।

दोनों बदमाश कई राज्यों में अपना नेटवर्क बनाकर ठगी कर चुके हैं।
दोनों बदमाश कई राज्यों में अपना नेटवर्क बनाकर ठगी कर चुके हैं।

सांगानेर थाना इंचार्ज हरी सिंह ने मामले में दी जानकारी

पुलिस ने दो शातिर बदमाशों को गरीब लोगों के साथ ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है। ये साइबर ठग गरीब लोगों को जयपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर बुलाते। उनके दस्तावेज लेते और कुछ दिन यहां रखने के बाद उन्हे वापस भेज दिया करते थे। गरीबों के दस्तावेजों से बदमाश बैंक खाते खुलवाते,मोबाइल सिम लेते और उससे राज्य के बाहर के लोगों के साथ साइबर ठगी करते। जामताड़ा और मेवात की तरह ही ये दोनों बदमाश कई राज्यों में अपना नेटवर्क बनाकर ठगी कर चुके हैं।

वही डीसीपी ईस्ट राजीव पचार ने बताया कि करौली के राजाराम गुर्जर ने सांगानेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी की रामराज ने 20हजार रुपए की नौकरी दिलाने के नाम पर उससे कई दस्तावेज लिए।जिनका इस्तेमाल कर उस ने बैंक खाता खोला जिस में लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन हो रहा हैं। जिस पर पुलिस टीम ने करौली निवासी 28वर्षीय रामराज गुर्जर और सांगानेर निवासी 20वर्षीय शिवम सैन के कॉल सेंटर पर छापा मार दोनों को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह गरीबों को नौकरी का झांसा देकर जयपुर बुलाते और फिर उनके दस्तावेज लेकर उससे बैंक खाते खुलाते। जिस में साइबर ठगी का पैसा आता और समय रहते हम वह पैसा निकाल लिया करते थे। फिलहाल मामले में अनुसंधान किया जा रहा है

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com