देश में बम धमाकों की बड़ी साजिश के सिलसिले में महाराष्ट्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी जाकिर हुसैन शेख से पूछताछ में इस पूरे मामले में पाकिस्तानी आतंकियों की संलिप्तता का खुलासा हुआ है। एटीएस के मुताबिक शेख ने पूछताछ में कबूल किया है कि उसे दूसरे देश में बैठे हैंडलर्स से निर्देश मिल रहे थे और वह उनके निर्देश पर काम कर रहा था।
शेख को महाराष्ट्र एटीएस ने 'आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश' के आरोप में गिरफ्तार किया है। रिजवान इब्राहिम मोनीम को 19 जून को जाकिर हुसैन शेख से पूछताछ के आधार पर मुंब्रा स्थित उनके आवास पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया था। एटीएस के मुताबिक, वहां से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
जाकिर हुसैन शेख को महाराष्ट्र एटीएस ने शनिवार को मुंबई के जोगेश्वरी इलाके से गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि इस संदिग्ध आतंकी के तार भी उसी आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हुए हैं, जिसके छह आतंकियों को दिल्ली पुलिस ने 15 सितंबर को गिरफ्तार किया था. महाराष्ट्र एटीएस ने शेख को मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश किया। कोर्ट ने उसे सोमवार तक के लिए रिमांड पर लिया था। रिमांड बढ़ाने के लिए उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तान प्रायोजित एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए छह संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था. इसमें एक महाराष्ट्र, एक दिल्ली और चार युवक यूपी के लखनऊ, बहराइच, रायबरेली और प्रयागराज के रहने वाले हैं।
आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बताया था कि इस मॉड्यूल को पाकिस्तान प्रायोजित कर रहा था। सीमा पार से आईईडी की व्यवस्था की गई थी। स्लीपर सेल ऑपरेटर द्वारा इस मॉड्यूल को आरडीएक्स आधारित बम, पिस्तौल और कारतूस की आपूर्ति की गई थी। इन विस्फोटकों को दिल्ली से मुंबई और देश के अन्य हिस्सों में अन्य आतंकवादी गुर्गों को सौंपा जाना था। बदले में इन लोगों को हवाला के जरिए पैसे मिलने वाले थे।
जांच एजेंसियों को अहम जानकारी मिली है। पता चला है कि आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड प्रयागराज निवासी हुमैद-उर-रहमान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सीधे संपर्क में था। अब तक की जांच में यह लगभग साफ है कि उसने दिल्ली में रहने वाले अपने भतीजे ओसम उर्फ शमी और करेली के जीशान कमर को मस्कट भेजकर आईएसआई एजेंटों से मिलवाया, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान ले जाकर ट्रेनिंग दी गई ।