मायावती की SUPREME मांग: उच्चतम न्यायाल की निगरानी में जांच हो

मायावती ने उत्तरप्रदेश के कानपुर कांड की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग करते हुए कहा है कि इससे शहीद पुलिस कर्मियों को न्याय मिल सकेगा
मायावती की SUPREME मांग: उच्चतम न्यायाल की निगरानी में जांच हो
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पॉलिटिकल डेस्क. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तरप्रदेश के कानपुर कांड की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग करते हुए कहा है कि इससे शहीद पुलिस कर्मियों को न्याय मिल सकेगा। मायावती ने शुक्रवार को एक ट्वीट श्रृंखला में कहा कि पुलिस और आपराधिक और राजनीतिक गठजोड़ की भी जांच की जानी चाहिए। बसपा नेता ने कहा, " कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए।

मायावती ने कहा , " यह उच्च-स्तरीय जाँच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इन्साफ मिल सके। साथ ही, पुलिस तथा आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।"

अपराध को संरक्षण देने वालों का क्या हो रहा है : प्रियंका

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गैंगस्टर विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद शुक्रवार को प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि अपराधी का तो अंत हो गया लेकिन उसके अपराध को संरक्षण देने वालों का क्या हो रहा है। वाड्रा ने ट्वीट किया "अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा "विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। कई लोगों ने पहले ही ये आशंका जताई थी पर अनेकों सवाल छूट गए।

सरकार से पूछा "अगर उसे भागना ही था, तो उज्जैन में सरेंडर ही क्यों किया

उन्होंने इस संबंध में सरकार से पूछा "अगर उसे भागना ही था, तो उज्जैन में सरेंडर ही क्यों किया। उस अपराधी के पास क्या राज थे जो सत्ता-शासन से गठजोड़ को उजागर करते। पिछले 10 दिनों की कॉल डिटेल्ज़ जारी क्यों नहीं। गौरतलब है कि आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे पांच लाख रुपये के इनामी विकास को उज्जैन से कानपुर ला रही एसटीएफ की गाड़ी पलट गई और उसने पुलिस का हथियार छीकर भागने की कोशिश की जिसके बाद उसे मुठभेड़ में मार दिया गया।

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