भारत में धार्मिक भावनाओं को सबसे बड़ा हथियार बनाकर दंगे भड़काने के कई प्लानिंग बनाई गयी। NIA और ATS की जांच भी दावा करती है। जिनमे सबसे बडी घटना उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या करना था। NIA और ATS की जांच में एक के बाद एक खुलासे हो रहे है।उदयपुर, भीलवाड़ा, जयपुर, अजमेर, गंगानगर में सर तन से जुदा करने की धमकी भरे मामले लगातार सामने आ रहे है। नूपुर शर्मा के बयान से लेकर उदयपुर हत्याकांड तक NIA,ATS की जांच के दौरान देश में साम्रदायिक दंगे कराने की कई प्लानिंग की गई। अब तक जितने आरोपी पकडे गए है उनका लिंक उदयपुर घटना से लेकर दावत ए इस्लाम से जुड़ा है।
लेकिन यहाँ कई सवाल खड़े होते हैं
जयपुर में सर तन से जुदा करने का चार दीवारी से एक साल पुराना वीडियो वायरल होता है, जो कि इस समय वायरल करने का मकसद क्या ?
जयपुर पुलिस ने जिन आरोपियों को पकड़ा है जो वीडियो में दिखाई दे रहे है क्या उनका दावत-ए-इस्लाम से कोई संबंध है ?
क्या इन तीनों आरोपियों का भड़काऊ भाषण देने वाले 'गौहर चिश्ती' से संपर्क हो सकता है ?
क्या ATS के द्वारा वीडियो में उन 8 लोगो से पूछताछ की जाएगी?
कई तमाम सवाल यहाँ खड़े होते है जो देश की आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से अहम है।
अब एक नजर गौहर चिश्ती बयानों पर डाले तो 17 जून को दोपहर 3 बजे कुछ लोगों ने गेट पर पहले से निर्धारित मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन कर वहां भाषण दिया। और इसके लिए रिक्शे पर लाउडस्पीकर लगाया गया था। इस दौरान लगभग 3,000 लोगों की भीड़ दरगाह के पास इकट्ठा थी, जबकि गौहर चिश्ती को पहले ही समझाया गया था, लेकिन इसके बावजूद भड़काऊ भाषण और नारेबाजी की गई। ऐसे में धार्मिक स्थान से हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने और हत्या का आह्वान करने पर मामला दर्ज किया गया था।
गौहर चिश्ती उदयपुर हत्या काण्ड होने से पहले सक्रीय था। सूत्रों के अनुसार गौहर सिम बदल-बदलकर इस्तेमाल कर रहा है। इसलिए उसकी प्रॉपर लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी। पुलिस को पहले से गौहर पर शक था। सूत्रों के अनुसार गौहर की पूर्व में भी जांच एजेंसियों को उसकी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी। हालांकि गौहर के खिलाफ पुख्ता सबूत किसी के पास नहीं थे इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था । कहां जा रहा है कि गौहर का लगातार कई राज्यों के लोगों से संपर्क था।
कन्हैया लाल हत्याकांड में जांच कर रही एनआईए की टीम में शामिल अधिकारी अजमेर पहुंचे थे और दरगाह थाने पहुंचकर दरगाह के निजाम गेट पर भड़काऊ भाषण देने वाले गौहर चिश्ती के खिलाफ जानकारी जुटाई थी। तब भी कुछ ऐसे इनपुट हाथ लगे जिनमे गौहर के लिंक उदयपुर मामले से जुड़ रहे थे।
क्या दावत-ए-इस्लाम के आकाओं ने नूपुर शर्मा के बयान के बाद धार्मिक भावनाओं को हथियार बनाकर भारत में दंगे भड़काने का प्लान बनाया ?