झारखंड के जमशेदपुर में विश्व हिंदू परिषद ने 19 सितंबर 2021 को एक इमामबाड़ा में लोहे की चेन से बाँधकर रखी गई हिंदू लड़की को मुक्त कराया। यह इमामबाड़ा बिष्टुपुर थाने के बोधनवाला गैरेज के पीछे बह रही खरकई नदी के किनारे स्थित है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़की को उसके माता-पिता भूत-प्रेत के शक में इमामबाड़ा लाए थे। वहाँ पर पीड़िता को रफीक नाम के इमामबाड़ा के मौलवी ने बाँधकर रखा था। विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने पीड़िता को उसके चंगुल से आजाद करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया।
जिस दिन लड़की को बचाया गया उस दिन विश्व हिंदू परिषद जमशेदपुर महानगर के जिलाध्यक्ष अजय गुप्ता ने मीडिया को बताया कि इमामबाड़ा में लड़की बेहद दयनीय स्थिति में मिली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि लड़की के माता-पिता का धर्मान्तरण कराने के लिए ब्रेनवॉश किया गया था। उन्होंने कहा कि लड़की के पिता और सौतेली माँ संगठन का सहयोग करने के बजाय इमामबाड़ा के मौलवी का पक्ष ले रहे थे।
"हम मानते हैं कि इमामबाड़ा में लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया था। हमारे पास लड़की का ऑन-रिकॉर्ड स्टेटमेंट है जो आप चाहें तो हम आपको दे सकते हैं। जमशेदपुर के लिए यह दुखद स्थिति है कि इस शांतिपूर्ण क्षेत्र में धार्मिक सद्भाव को बाधित करने के लिए ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। प्रशासन को मामले का संज्ञान लेकर मौलवी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"
VHP नेता ने कहा, "हमारे पास इमामबाड़ा में लड़की के जंजीरों में जकड़े हुए होने का फुटेज है। हमारी संस्था की सदस्य रितिका बच्ची की काउंसलिंग कर रही थी। हमने लड़की को प्रशासन को सौंप दिया है और वे मामले में आगे अपडेट करेंगे।"
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जानकारी मिलने के बाद जब विश्व हिंदू परिषद के सदस्य इमामबाड़ा पहुँचे तो उन्होंने युवती को जंजीरों में बंधा देखा। उसके चेहरे पर मारपीट के निशान थे। जब उससे इस बाबत पूछा गया कि क्यों बांधा गया है तो पीड़िता ने कहा, "उन्हें लगता है कि मैं मानसिक रूप से बीमार हूँ। उन्हें लगता है कि मुझमें भूत है।"
वहीं रफीक से इसकी वजह पूँछी गयी तो उसने कहा, "उस पर शैतान का कब्जा है। इसलिए हमने उसे बाँध रखा है। उसने अपने पिता, माँ और भाई के साथ मारपीट की।" वहीं जब विहिप के लोगों ने उससे पूछा कि वह उसके साथ क्या करेगा तो रफीक ने दावा किया कि उस स्थान पर एक 'अलौकिक शक्ति' है, जो ऐसे रोगियों का इलाज करती है।
हिंदू पीठ कार्यालय मे लिए गए बयान में लड़की ने बताया कि उसे नशीला पदार्थ मिला हुआ पानी दिया गया था, जिससे वो यह नहीं समझ पाती थी कि उसके साथ क्या हो रहा है। लड़की ने कहा, "रफीक मुझे जंजीरों से बांधता था और फिर मेरा शारीरिक व यौन शोषण करता था।"
फिलहाल युवती को वहाँ से छुड़ाने के बाद उसे इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भेजा गया है। उसके परिवार को काउंसलिंग के लिए अस्पताल ले जाया गया। लड़की के इलाज के बाद उसे मानसिक इलाज के लिए राँची रेफर किया जाएगा।
इस मामले को लेकर डीएसपी पीसीआर अनिमेष गुप्ता ने कहा कि जब लड़की को थाने लाया गया तो वह होश में थी। उसने अपने और अपने परिवार के बारे में सटीक जानकारी दी। उसे अपना नाम और पता ठीक से याद था। उन्होंने कहा, "लड़की को मेडिकल जाँच के लिए भेजा गया है।"