न्यूज़- जम्मू कश्मीर पुलिस ने उस कार के मालिक की पहचान कर ली है जो विस्फोटकों से लदी थी और जिसे गुरुवार को पुलवामा में पकड़ा गया है। पुलिस का कहना है कि कार के मालिक का नाम हिदायतुल्ला मलिक है। गौरतलब है कि पुलवामा में जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की चौकसी से 14 फरवरी 2019 जैसा आत्मघाती हमला टला जा सका है।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया है कि हिदायतुल्ला मलिक शोपियां का रहने वाला है और पिछले वर्ष हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा है। जो आतंकी कार को चला रहा था वह भाग चुका है। उसका नाम आदिल है और उस पर पांच लाख रुपए का इनाम है। गुरुवार देर रात करीब 2:30 बजे पुलिस को एक ऐसी कार के बारे में इंटेल मिली थी कि विस्फोटकों से लदी एक कार इलाके की तरफ बढ़ रही है। जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक जिस इलाके की तरफ यह सैंट्रो कार आ रही थी वहां पर सीआरपीएफ की 183वीं बटालियन के दो कैंप और एक कैंप सेना की राष्ट्रीय राइफल का है।जो इंटेलीजेंस ऑफिसर्स को मिली थी उसमें इस बात की पुष्ट जानकारी थी कि विस्फोटको से लदी इस कार को सुरक्षाबलों के कैंप में दाखिल कर विस्फोट कराने के इरादे से आगे बढ़ रहा है।
कार में 40 से 45 किलोग्राम तक अमोनियम नाइट्रेट और नाइट्रोग्लिसरीन था। इस कार को पुलवामा के राजपोरा के अयानगुंड में देखा गया था।जिन कैंप्स को आतंकियों ने इस बार निशाना बनाने की फिराक में थे, वो काउंटर-इनसर्जेंसी ऑपरेशंस में काफी हैं। ये कैंप्स बस तीन से चार किलोमीटर के दायरे में ही स्थित हैं। इन कैंपों में 400 के करीब ऑफिसर और जवान हर पल मौजूद रहते हैं। हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद फरवरी 2019 में हुए हमलों की तर्ज पर यहां हमले के जरिए सुरक्षाबलों को कोरोना वायरस महामारी के बीच बड़ी चोट देने की फिराक में थे। सही समय पर मिली इंटलीजेंस और पुलिस की मुस्तैदी ने एक बड़ा हमला आखिरी पलों में टालने में कामयाबी हासिल की है।