छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के एक जवान ने रविवार देर रात अपने साथियों पर एके-47 से फायरिंग कर दी। इस घटना में 4 जवानों की मौत हो गई, जबकि 3 घायल हो गए। दो जवानों की हालत नाजुक बताई जा रही है। उन्हें चॉपर से रायपुर रेफर किया जा रहा है। घटना के बाद आरोपी जवान को हिरासत में ले लिया गया है। फायरिंग के सही कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
जानकारी के अनुसार घटना कोंटा प्रखंड के ग्राम लिंगनपल्ली स्थित 217 बटालियन कैंप की है। दोपहर करीब सवा तीन बजे सीआरपीएफ जवान रितेश रंजन ने अपने साथियों पर फायरिंग कर दी। गोली लगने से दो जवानों की मौके पर ही मौत हो गई। इस कैंप में 85वीं बटालियन के जवानों के लिए कैंप भी है। देर रात फायरिंग से हड़कंप मच गया। अन्य जवान मौके पर पहुंचे। इसके बाद इसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई।
5 घायल जवानों को कैंप से करीब 11 किलोमीटर दूर तेलंगाना के भद्राचलम के एक अस्पताल में ले जाया गया। वहीं, उपचार के दौरान 3 जवानों की मौत हो गई, जबकि 2 अन्य की हालत गंभीर देखकर उन्हें हेलिकॉप्टर से रायपुर रेफर किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि आपसी रंजिश या मानसिक संतुलन बिगड़ने के कारण आरोपी जवान ने फायरिंग कर दी। एक दिन पहले भी उसका अपने साथी सैनिकों से विवाद हो गया था। आरोपी जवान कई दिनों से परेशान था।
फायरिंग की घटना में शहीद हुए दो जवान बिहार के थे, जबकि एक पश्चिम बंगाल का था। चौथे जवान के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। शहीद जवानों में बिहार निवासी धांजी व राजमणि कुमार यादव और पश्चिम बंगाल निवासी राजीव मंडल के अलावा एक अन्य जवान धर्मेंद्र कुमार शामिल हैं। इनके अलावा जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह, धर्मात्मा कुमार और मलाया रंजन महाराणा घायल हैं।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में 9 महीने पहले सीआरपीएफ के जवानों ने अपने साथियों पर फायरिंग की थी। इसमें एक जवान की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हो गया। जवानों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। दिसंबर 2012 में दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के एक जवान ने अपने सो रहे साथियों पर गोलियां चला दीं। इसमें 4 जवानों की मौत हो गई और एक घायल हो गया। उस वक्त भी बताया गया था कि हमलावर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।