डेस्क न्यूज़- हरियाणा के सोनीपत के सिंघू बॉर्डर पर पुलिस ने दो तलवारें बरामद की हैं जिनसे लखबीर सिंह की हत्या की गई थी। सोनीपत पुलिस ने दावा किया कि मामले की जांच कर रही दो विशेष जांच टीमों (एसआईटी) में से एक ने निहंगों के डेरा से वो दो तलवार बरामद कर ली है जिससे लखबीर की हत्या की गई थी।
लखबीर की हत्या को कबूल करने वाले निहंग नारायण सिंह, सरबजीत सिंह, भगवंत सिंह और गोविंदप्रीत के खून से सने कपड़े भी पुलिस ने जब्त कर लिए, जो उन्होंने अपराध के समय पहने थे। इस मामले में सरेंडर करने वाले चारों निहंगों की निशानदेही पर सोमवार को एसआईटी ने दोनों तलवारें मौके से बरामद कीं, जिनसे सिंघू बॉर्डर पर उनके तंबू में लखबीर के हाथ-पैर काटे थे। इन दोनों तलवारों से उसके शरीर पर घाव किए गए थे।
पुलिस ने खून से सने कपड़े और दोनों तलवारों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। फॉरेंसिक टीम पता लगाएगी कि कपड़ों पर लगा खून लखबीर का है या नहीं? गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार की शाम सरबजीत सिंह के आत्मसमर्पण के समय निहंगों की ओर से तलवार पुलिस को हत्या के हथियार के तौर पर सौंपी गई थी, लेकिन जांच में साफ हो गया कि उस तलवार से लखबीर की हत्या नहीं की गई थी।
सरेंडर कर चुके निहंग नारायण सिंह ने रविवार को सोनीपत कोर्ट में एक जज के सामने कबूल किया था कि उसने लखबीर का पैर और सरबजीत का हाथ अपनी तलवार से काट दिया था। भगवंत और गोविंदप्रीत ने लखबीर के शव को बैरिकेड्स पर टांगने में मदद की। सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने सोमवार देर शाम बताया कि चारों निहंगों से पूछताछ में घटना की कड़ियां जुड़ती नजर आ रही हैं। निहंगों से पूछताछ में बताया गया कि भगवंत सिंह ने सबसे पहले लखबीर को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पवित्र ग्रथ लेकर भागते देखा था। भगवंत सिंह के तुरंत शोर मचाने पर लखबीर को पकड़ लिया गया। भगवंत सिंह लखबीर की मौत के बाद उसे बैरिकेड्स से लटकाने में भी शामिल था।