बाप की हैवानियत: पत्नी के चरित्र पर शक था तो बेटी के साथ कई बार दुष्कर्म कर दुसरे से भी कराया, पीटा और नाक तक चबा दी

आरोपी ने पीड़िता को 28 दिनों तक बंधक बनाकर रखा, और रोज गोलियां देकर उसका बलात्कार करता था।
बाप की हैवानियत: पत्नी के चरित्र पर शक था तो बेटी के साथ कई बार दुष्कर्म कर दुसरे से भी कराया, पीटा और नाक तक चबा दी
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डेस्क न्यूज़- बाप की हैवानियत – एक बेटी के लिए उसके पिता से बढ़कर कोई नहीं होता है, लेकिन जोधपुर के लूणी थाना क्षेत्र में एक पिता ने हैवानियत की सभी हदें पार कर दीं। उसने दो साल पहले अपनी 15 वर्षीय बेटी के साथ कई बार बलात्कार किया। विरोध करने पर जानवर की तरह पीटा गया। परेशान होकर, दादा ने पोती को गाँव के पास एक किराए का कमरा दिलाया, तो वहां पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने उसके साथ दरिंदगी की। आरोपी ने 28 दिनों तक बंधक बनाकर रखा, और रोज उसे गोलियां देकर उसका बलात्कार करता था। जब पीड़िता थक हार कर घर लौटी तो पिता गुस्से में आ गया। चार दिन पहले आरोपी ने बेटी को बुरी तरह पीटा। गुस्सा शांत नहीं हुआ, तो उसने अपने दांतों से बेटी की नाक चबा ली।

पीड़िता की नाक की सर्जरी करानी पड़ी

पीड़िता को गंभीर हालत में एमजीएच अस्पताल में भर्ती

कराया गया, जहां उसे नाक की सर्जरी करनी पड़ी। जब

एनजीओ ने उनसे संपर्क किया, तो मामले का खुलासा

हुआ। पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया।

उसे बुधवार को अदालत में पेश किया गया और दो दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया गया।

पीड़िता के साथ जो हुआ वो खुद उसने बया किया

"जब मैं तीन साल की थी, तो पिता ने माँ पर चरित्रहीन होने का आरोप लगाया। वे हर दिन माँ के साथ मारपीट करते थे। एक दिन माँ घर छोड़ कर चली गई। मैं पिता, दादा-दादी और ताऊ-ताईजी के साथ रहने लगी। दादा दादी का ख्याल रखते थे। मेरे पिता ने मुझे कभी स्वीकार नहीं किया। ताऊ-ताईजी भी अच्छे नहीं थे। बड़े होने पर पिता का गुस्सा बढ़ने लगा। वह आए दिन मुझे किसी जानवर की तरह पीटते थे। दो साल पहले जब मैं 13 साल की थी, तो पिता ने मुझे अकेला पाया, तो मेरे साथ गंदा काम किया। किसी को न बताने की धमकी दी। मैंने डर के कारण किसी को नहीं बताया। उसके बाद भी, पिता ने कई बार मेरा बलात्कार किया। "

बड़े पिता ने 50 हजार रुपये देकर दुष्कर्म करवाया

"उनके रवैये से नाखुश, होकर दादा ने मुझे पढ़ने के लिए गाँव के पास एक किराए का कमरा दिलाया था। दादाजी मुझे देखने आते थे। पड़ोस में रहने वाला एक युवक मेरी तरफ देखने लगा। उसको मेरे बड़े पिता ने 50 हजार रुपये देकर ऐसा करने के लिए कहा था। एक दिन उसने भी बलात्कार किया और मुझे जान से मारने की धमकी दी। उसने मुझे 28 दिनों तक गोलियां देकर हर दिन मेरा बलात्कार किया। उसके बाद, जब दादा मिलने आए, तो मैंने रोना शुरू किया। मगर उनसे कुछ नहीं कह पाई । इस पर दादाजी मुझे घर वापस ले आए। यहाँ मैंने दादी को सब कुछ बताया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। "

"पिता, ताऊ-ताईजी, मेरे घर लौटने पर क्रोधित हो गए। पिताजी ने चार दिन पहले मुझे बहुत पीटा। उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ, तब उन्होंने अपने मुंह से मेरी नाक काट ली। मुझे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सर्जरी भी करनी पड़ी । पिता और समाज के डर के कारण, मैंने पुलिस को मारपीट होने का कहा था। लेकिन, जब सेवा संस्थान के अध्यक्ष पवन मिश्रा मुझसे मिलने आए, तो मेरा सब्र का बांध टूट गया। अब मैं अपने घर नहीं जाना चाहती।

केस वापस लेने के लिए दादा पर दबाव

सूत्रों ने बताया कि किशोरी से मिलने के लिए उसके परिवार के सदस्य और कुछ अन्य लोग अस्पताल आए थे। उन्होंने केस वापस लेने के लिए उसके दादा पर दबाव डाला। साथ ही धमकी दी कि अगर ऐसा नहीं किया तो परिणाम अच्छा नहीं होगा। उन्होंने किशोरी से अपना मुंह बंद रखने के लिए भी कहा। हालांकि, पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया है और पीड़िता के बयान शुक्रवार को लिए जाएंगे।

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