डेस्क न्यूज़- चुनाव परिणामों के बाद पश्चिम बंगाल में शुरू हुई राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन की कार पर पश्चिम मिदनापुर के पंचखुड़ी में भीड़ ने हमला किया था। लोगों ने पत्थर और लाठियों से हमला किया। कार के शीशे भी टूट गए।
केंद्रीय मंत्री ने खुद सोशल मीडिया पर हमले की
जानकारी दी। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट करते हुए
कहा कि तृणमूल के गुंडों ने मेरे काफिले पर हमला
किया। कार की खिड़कियों को तोड़ दिया गया। कर्मचारियों पर भी हमला किया गया। उन्होंने कहा कि चालक को चोटें आईं।
वीडियो में एक शख्स कार पर डंडे से हमला करता दिख रहा है। लोगों का जमावड़ा मंत्री के काफिले की ओर बढ़ता दिख रहा है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री की कार का ड्राइवर गाड़ी को बैक करने लगता है। जहां हमला हुआ वहां टीएमसी के झंडे और बैनर लगाए गए हैं। वीडियो में वाहन का टूटा हुआ शीशा भी देखा गया है।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हरकत में आ गया है। गृह मंत्रालय ने चार सदस्यों की एक टीम को बंगाल भेजा है, जो हिंसा की जांच करेगी। इससे पहले, गृह मंत्रालय ने भी राज्यपाल से रिपोर्ट मांगी थी और हिंसा पर जानकारी मांगी थी। दूसरी ओर, भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है। वहीं, सीबीआई से हिंसा की जांच के लिए एक याचिका दायर की गई है।
तृणमूल विधायक मदन मित्रा ने चुनाव के बाद जारी हिंसा के कारण भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा- बंगाल में हिंसा हुई है, हम इससे इनकार करते हैं। एक या दो मामूली झगड़े हो सकते हैं। अगर बीजेपी जीत जाती तो बंगाल में दंगा हो जाता। अगर गृह मंत्रालय की टीम ऐसा करती है, जिससे हिंसा बढ़ती है, तो यह सही नहीं है। जिसने भी 200 को पार बोला था, उसे शर्म आनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।
बंगाल के कई जिलों में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष की खबरें आई हैं। इसमें करीब 17 लोगों की मौत हो गई। भाजपा कार्यालयों और पार्टी कार्यकर्ताओं के घरों और दुकानों में आगजनी की भी खबरें आई हैं।