मेरठ में अवैध हथियारों के कई सप्लायर NIA और पंजाब पुलिस के टारगेट पर हैं। इनकी धरपकड़ के लिए एनआईए की टीम ने मेरठ में डेरा डाल दिया है। एक दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ खालिस्तान समर्थकों को हथियार देने की बात सुरक्षा एजेंसी की जांच में सामने आई है।
NIA की टीम ने बहसूमा के रामराज से गुरदीप सिंह और फिर हस्तिनापुर से परमजीत उर्फ मंगल को हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद मंगल की मौत हो गई थी। इससे पहले भी एनआईए और पंजाब पुलिस ने किठौर और अमरोहा में कुछ स्थानों पर दबिश दी थी। जहां से कई लोगों को पकड़ा था।
सुरक्षा एजेंसियों के पास इनपुट है कि किठौर के राधना से खालिस्तान समर्थकों को हथियार सप्लाई किये जाते हैं, जिसके चलते कई लोगों को चंडीगढ़ में नामजद किया गया है। इसी के संबंध में लगातार वेस्ट यूपी के जिलों में जांच भी हो रही है। खालिस्तान समर्थकों को हथियार सप्लाई करने वालों का नेटवर्क तोड़ने के लिये एनआईए लगातार जांच कर रही है।
एनआईए ने मंगलवार को किठौर के राधना के दोनों युवकों के घर खंगाले हैं। बताया गया है कि एक सिम और कुछ दस्तावेज पुलिस ने तलाशी के दौरान अपने कब्जे में लिए हैं। जिसको एनआईए की टीम साथ लेकर गई है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में कोई भी जानकारी न होने की बात कही है। बताया गया है कि एनआईए की टीम देर रात तक मेरठ में डेरा डाले हुए थी।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि एनएआईए का मिशन गोपनीय होता है। क्या बरामद हुआ इसकी जानकारी नहीं है। चंडीगढ़ के एक मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम राधना पहुंची थी।
एनआईए पहले भी क्षेत्र में छापेमारी कर चुकी है। बता दें कि हथियार सप्लाई करने के मामले में मेरठ हमेशा एनआईए के निशाने पर रहता है। मेरठ से हथियार सप्लाई करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। आरएसएस नेता की हत्या के मामले में भी मेरठ से हथियार सप्लाई किए गए थे।