नीरव मोदी ने खटखटाया ब्रिटेन हाईकोर्ट का दरवाजा, प्रत्यर्पण रोकने की लगाई गुहार

नीरव मोदी ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में लंदन की निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने की मांग की है। इस वर्ष फरवरी में, लंदन की निचली अदालत ने भारत को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी।
नीरव मोदी ने खटखटाया ब्रिटेन हाईकोर्ट का दरवाजा, प्रत्यर्पण रोकने की लगाई गुहार
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डेस्क न्यूज़- पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने अब ब्रिटिश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने प्रत्यर्पण रोकने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। नीरव मोदी ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में लंदन की निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने की मांग की है। इस वर्ष फरवरी में, लंदन की निचली अदालत ने भारत को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी। भगोड़े मोदी ने उच्च न्यायालय में प्रत्यर्पण आदेश को चुनौती देने की अनुमति मांगी है।

ब्रिटिश गृह विभाग से मिली अनुमति

बता दें कि 25 फरवरी को लंदन के वेस्टमिंस्टर

मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को

मंजूरी दी थी। ब्रिटिश कोर्ट के फैसले की

जानकारी मिलने के बाद ब्रिटेन के गृह विभाग ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी। हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर उसके मामा मेहुल चोकसी के साथ पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। जनवरी 2018 में, पीएनबी ने भारत में नीरव और उसके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन इससे पहले नीरव मोदी यहां से फरार हो गया।

पीएनबी घोटाला क्या हैं

भारत के बैंकिंग इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी है। इस घोटाले में मुंबई के फोर्ट में स्थित पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा में बैंकरों ने फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) का इस्तेमाल किया। इन एलओयू का उपयोग भारतीय बैंक शाखाओं में एक वर्ष की अवधि के लिए मोती के आयात के लिए किया गया था, जबकि आरबीआई के नियमों के अनुसार, शिपमेंट की तारीख से 90 दिनों तक की समय अवधि होती है। वह बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर एक साल तक उनका इस्तेमाल करता रहा।

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