
जयपुर, राजस्थान पुलिस के सीआई केपी सिंह को एक महिला से रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया है। दुष्कर्म पीड़िता पिछले 2 साल से न्याय के लिए दर-बदर भटक रही थी। लेकिन पुलिस महकमे में CI साहब का वर्चस्व इतना था की कोई कार्रवाही नहीं होने दी। यहाँ तक जब बात गिरफ्तारी तक की आने लगी तो High Court से अग्रिम जमानत ले आये और गिरफ्तारी पर रोक लग गयी। लेकिन पीड़िता ने यहाँ भी हार नहीं मानी और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कल देर रात 12:40 पर करणी विहार थाने ने गिफ्तारी दर्ज की।
साल 2020 में कंवर पाल सिंह के खिलाफ उसके परिचित ने करणी विहार थाने में मारपीट व दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। इस बीच आरोपित सीआई झुंझुनू में तस्करी रोधी इकाई के प्रभारी के पद पर तैनात था। महिला की शिकायत पर दर्ज मामले की पहले सीआई ने जांच की और फिर अपर डीसीपी पश्चिम बजरंग सिंह को सौंप दिया। इस बीच पुलिस ने आरोपी केपी सिंह को गिरफ्तार नहीं किया। यहाँ बड़ा सवाल खड़ा होता है की जब महिला के साथ दुष्कर्म का संगीन मामला था तो पुलिस ने गिरफ्तारी क्यों नहीं की?
मामले में कुछ समय बाद KP सिंह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट से अग्रिम जमानत हासिल कर ली। पीड़िता को न्याय नहीं मिलने पर उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सीआई की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी और पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। यहाँ कानून की रक्षा करने वाले खुद ही भक्षक बन रहे है।