शुक्रवार को रेवाड़ी गैंगरेप मामले के तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही तीनों आरोपियों से 20-20 हजार रुपये जुर्माना भरने को कहा है। जुर्माना नहीं भरने पर उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि जिला विधिक प्राधिकरण पीड़िता को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दे. गौरतलब है कि तीनों आरोपियों ने बच्ची के साथ आठ घंटे तक दुष्कर्म किया था. बाद में उसे फेंक कर फरार हो गए।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोना सिंह की अदालत ने गुरुवार को
नारनौल जिले के कनीना में बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार मामले में
तीन मुख्य आरोपी मनीष, सेना के जवान पंकज और नीशु को दोषी
ठहराया. मामले के शेष पांच अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते
हुए बरी कर दिया गया। पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता करण सिंह यादव ने मामले की पैरवी की थी।
बता दें कि 12 सितंबर 2018 को पीड़िता अपने पिता के साथ स्कूल बस में कोचिंग के लिए आई थी।
कोचिंग क्लास से आते समय तीनों दोषियों ने उसके साथ घिनौनी हरकत की थी।
कोचिंग सेंटर से लौटते समय रास्ते में उसकी मुलाकात पंकज और मनीष से हुई। उन्होंने पानी में नशीला पदार्थ पीलाकर पीड़िता को बेहोश कर दिया और बाद में एक कार में बैठाकर एक कुएं पर ले गए। जहां पंकज, मनीष और नीशु ने आठ घंटे तक सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़ित की हालत बिगड़ने पर इन लोगों ने गांव के डॉक्टर संजीव को मौके पर बुलाया. पीड़िता को प्राथमिक उपचार देने के बाद डॉक्टर मौके से चला गया। इसके बाद आरोपित उसे फेंक कर फरार हो गये। और रास्ते में उसके पिता को तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली।
इस मामले में ट्यूबवेल मालिक दीनदयाल पर धारा-118 और 120बी लगाई गई. संजीव पर धारा-118, नवीन पर 202 और मनीष व पंकज को आश्रय देने वाले अभिषेक व मंजीत पर धारा 216 के तहत आरोप तय किए गए। मामला सामने आने के बाद पुलिस कार्रवाई तेज कर दी गई है। सीएम मनोहर लाल ने खुद पीड़िता के परिजनों से मिलकर कार्रवाई का आश्वासन दिया था.