न्यूज़- झारखंड के गुमला में बुधवार रात उग्रवादी संगठन PLFI का जोनल कमांडर मारा गया। इस बार कमांडर को सुरक्षाबलों ने नहीं बल्कि एक महिला ने अकेले मौत के घाट उतारा। महिला की बहादुरी देख गांव में आए नक्सली उल्टे पांव भाग गए। घटना के बाद पहुंची पुलिस ने जंगल से शव को बरामद कर लिया है। बाकी नक्सलियों की तलाश में पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है। वहीं महिला की बहादुरी को देखते हुए उसे वीरता पुरस्कार देने की मांग की जा र
जानकारी के मुताबिक बुधवार रात उग्रवादी संगठन PLFI का सब जोनल कमांडर बसंत गोप अपने साथियों के साथ गुमला में विनीता के घर आ धमका। नक्सली उसके पति की हत्या करना चाहते थे। पहले तो विनीता घर में छिपी रही लेकिन जैसे ही उसके पति और परिवार पर खतरा आया वैसे ही उसने टांगी (धारदार हथियार) उठा लिया और नक्सलियों पर हमला बोल दिया। विनीता के इस हमले में नक्सली कमांडर बुरी तरह से घायल हो गया। अपने कमांडर को घायल देख उसके साथी उसे उठाकर भाग गए, लेकिन रास्ते में खून ज्यादा बहने की वजह से नक्सली कमांडर ने दम तोड़ दिया।
गांव वालों ने तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद पहुंची फोर्स ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया । कुछ दूर जंगल में जाने के बाद लकड़ी से बंधा एक शव मिला। पुलिस के मुताबिक नक्सली लकड़ी से बांधकर कंधे पर उठाकर अपने कमांडर को लेकर जा रहे थे। इस दौरान खून ज्यादा बहने से उसकी मौत हो गई। पुलिस के डर से नक्सली अपने कमांडर का शव छोड़कर भाग गए।
गांव वालों के मुताबिक नक्सली आए दिन बेकसुर लोगों को निशाना बनाते रहते हैं। दो साल पहले विनीता के ससुर की भी हत्या PLFI ग्रुप ने बेरहमी से कर दी थी। जिसके बाद उसका परिवार रांची चला गया, जहां वो मजदूरी करते थे। हाल ही में लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया और उन्हें मजबूरी में गांव आना पड़ा। इसकी खबर नक्सलियों को लग गई और वो आ धमके। इस बार नक्सलियों का दांव उल्टा पड़ गया और विनीता की बहादुरी की वजह से उन्हें भागना पड़ा।