न्यूज़- साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार रात बारिश के दौरान आसमान से आग के गोले गिरने से हड़कंप मच गया। करीब दस-दस मिनट के अंतराल पर तीन स्थानों पर आग के गोले गिरे। भारी बारिश के बावजूद कई घंटे तक इन गोलों में आग धधकती रही।
जानकार मान रहे हैं कि आसमान से गिरे आग के गोले उल्कापिंड हैं जो किसी खगोलीय घटना के कारण धरती पर गिरे हैं। मौके पर प्रशासन की टीम ने पहुंचकर लोगों को शांत किया। हालांकि कई स्थानीय लोगों ने आकाश से गिरे टुकड़ों को अपने घर लेकर जाकर रख लिया। गुरुवार देर रात साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के माल गोदाम के पास अचानक उस वक्त अफरातफरी का माहौल हो गया, जब 10-10 मिनट के अंतराल पर तीन जगह लोगों ने उल्कापिंड गिरने की खबर सुनी। यह सुनने के बाद लोग दहशत में आ गए।
इस घटना को देखने वाले धर्मवीर सिंह ने बताया कि गुरुवार शाम से ही बारिश हो रही थी। इसी दौरान रात 9 बजे के करीब अचानक एक आग का गोला नीचे गिरा और वह तेज धधक रहा था। चंद सेकेंड में ही दो और टुकड़े इसी प्रकार जमीन पर आकर गिरे, उनमें भी आग लग रही थी। बारिश के बाद भी आग नहीं बुझ रही थी। लोगों ने प्रयास किया लेकिन जितना आग को बुझाया जाता उससे ज्यादा आग धधक रही थी।
जैसे-जैसे ही यह खबर सुबह तक फैली, लोगों की भीड़ आसमान से गिरे आग के गोले को देखने के लिए आने लगी। स्थानीय निवासी एमपी सिंह तोमर ने बताया कि इतनी तेज बारिश में आग से धधकता हुआ यह पत्थर उल्का पिंड हो सकता है। वहीं कुछ लोग पत्थर को लेकर पानी में डाल कर देख रहे थे। पानी में पत्थर को डालने पर सफेद झाग बन रहे थे, जिसे देखकर लोग अचंभित हो रहे हैं।
मेरठ के जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक दीपक शर्मा के मुताबिक साहिबाबाद में गिरे आग के गोले उल्कापिंड ही लग रहे हैं। क्योंकि इनमें बहुत महीन छिद्र बने हुए हैं। यह शनि ग्रह के उपग्रह हिपेरायन के अवयव प्रतीत हो रहे हैं। जो सौरमंडल में घूमते हुए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की वजह से अंदर आ गए और बहुत तेजी से वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद धरती पर टूटते हुए आकर गिरे। पृत्वी में प्रवेश के समय इस उल्कापिंड का आकार एक फुटबाल मैदान जितना रहा होगा, लेकिन वायुमंडल में टूटते हुए आने के बाद साहिबाबाद में तीन स्थानों पर गिरे टुकड़े मूल टुकड़े का पांच फीसदी हिस्सा भी नहीं है।