कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए देश के लगभग सभी राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया है, लेकिन इस लॉकडाउन का सबसे बुरा असर मजदूरों पर पड़ा है। लॉकडाउन के चलते लोगों की नौकरी चली गई और अब वो अपने घर वापस लौट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सिकंदराबाद में नौकरी करने वाले बसंत नाम के मजदूर का सामने आया है, जिसकी लॉकडाउन में नौकरी चली गई थी और वो अपने घर देवरिया जाने के लिए अपने चचेरे भाई और बहनोई के साथ सिकंदराबाद गोरखपुर स्पेशल ट्रेन से निकला था, लेकिन ट्रेन में टीटीई से विवाद होने पर टीटीई ने उसे ट्रेन से बाहर फेंक दिया और उसकी मौके पर मौत हो गई।
दरअसल बसंत ट्रेन में बिना टिकट के सवारी कर रहा था, वहीं जब ट्रेन
लखनऊ के बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के पास पहुंची तो टीटीई जय नारायण
यादव एक अन्य टीटीई के साथ चेकिंग के लिए पहुंचा और बसंत से टिकट
दिखाने को कहा, लेकिन टिकट ना होने पर उस पर 1500 रुपए का चालान लगा दिया।
बसंत ने 1000 रुपए दिए और 500 रुपए नहीं होने की बात कही।
जिसके चलते टीटीई और बसंत में विवाद हुआ और टीटीई ने बसंत को ट्रेन से नीचे फेंक दिया और उसकी मौत हो गई। हालांकि यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रुकवाई लेकिन तब तक बसंत की मौत हो चुकी थी जिसके बाद यात्रियों ने टीटीई की जमकर पिटाई की और जीआरपी ने मृतक बसंत के बहनोई की तहरीर पर टीटीई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
जानकारी के मुताबिक लखनऊ चारबाग के सीओ जीआरपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि बसंत की मौत ट्रेन से गिर कर हुई है। वहीं मृतक के बहनोई की तहरीर पर आरोपी टीटीई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिसके बाद पुलिस ने टीटीई को गिरफ्तार कर कार्यवाही शुरू कर दी है। साथ ही मृतक के बहनोई ने बताया कि यात्रियों की पिटाई से टीटीई को काफी चोट लगी है जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस पूरे मामले में मृतक के बहनोई ने बताया कि बसत उसके बहनोई और चचेरे भाई के साथ सिकंदराबाद में पेंटिंग का काम करता था और नौकरी चली जाने पर अपने घर वापस लौट रहा था। दरअसल बहनोई और चचेरे भाई के पास टिकट था लेकिन बसंत जल्दबाजी में टिकट ले जाना भूल गया था।