प्रयागराजः दलित रेप - हत्या मामले में कौन निकला कातिल ? जानिए पूरी खबर

प्रयागराज : 22 नवंबर की सुबह फाफामऊ इलाके में एक ऐसी घटना की चर्चा हर जुबान पर थी , जिसमें एक मां और उसकी बेटी से बलात्कार किया गया और फिर दोनों का गाला घोट दिया गया , पास सो रहे पिता और नाबालिग बेटे को धारदार हथियर से काट कर मार दिया गया। मामला प्रकाश में आते ही इसमें दलित - सवर्ण का एंगल देकर राजीनीति शुरू हो गयी।
प्रयागराज में दलित रेप का मामला
प्रयागराज में दलित रेप का मामला

प्रयागराज : 22 नवंबर की सुबह फाफामऊ इलाके में एक ऐसी घटना की चर्चा हर जुबान पर थी , जिसमें एक मां और उसकी बेटी से बलात्कार किया गया और फिर दोनों का गाला घोट दिया गया , पास सो रहे पिता और नाबालिग बेटे को धारदार हथियर से काट कर मार दिया गया। मामला प्रकाश में आते ही इसमें दलित - सवर्ण का एंगल देकर राजीनीति शुरू हो गयी। हाथरस के तर्ज पर इसमें भी सवर्णों द्वारा दलित के शोषण और जघन्य हत्या का रूप देकर आनन फानन गांव के ही सवर्ण परिवार पर रेप और हत्या का मुक़दमा दर्ज कर दिया गया। अब इसमे क्या अपडेट आया है और इस नृशंश हत्या और रेप के मामले में क्या- क्या हुआ सिलसिलेवार तरीके से आपको बताने जा रहे और आपको जातिवादी प्रोपेगंडा के एक - एक सच से रूबरू करवाएंगे।

पहले दिन मामले का क्या रूप आया था सामने

21 नवंबर की रात जब सारा गांव सो रहा था किसी को खबर नहीं थी की उनके पड़ोस में जघन्य वारदात को अंजाम दिया जा रहा। अगली सुबह जब पड़ोसियों ने देखा तो मंजर देख कांप उठे। 45 वर्षीय रेनू देवी , बेटी सपना का अर्ध नग्न शव , पास ही 50 वर्षीय पिता फूलचंद और नाबालिग बेटे के शव बिस्तर पर थे । पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अगले दिन के अखबार में इस हत्या कांड की भयावहता को जब लोगों ने पढ़ा और मामले ने तूल पकड़ा तो सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मामले में इंसाफ को लेकर और पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया।

हत्या धारदार हथियार से की गयी थी । मां बेटी के शवों पर अस्त व्यस्त कपड़ों की स्थिति देख कर रेप की आशंका जाहिर की जा रही थी।

कहानी घटना के बाद की

इस घटना में मारे गए परिवार के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मां बेटी के साथ बलात्कार करने के बाद गाला घोट कर और फिर धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी। घर का दरवाजा टूटा हुआ था। घटना के बाद परिवार के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले मृत नाबालिग बेटे और सवर्ण परिवार के बेटे के बीच मारपीट हुई थी। इस बिनाह पर हत्या उस परिवार के लोगों ने ही की है। साथ ही मृत बेटी की उम्र भी कम बताई गयी और कहा गया कि वो नाबालिग थी। पुलिस ने आनन फानन में सवर्ण परिवार के 11 लोगों के ऊपर नाबालिग से रेप और हत्या और एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

पुलिस पर गिरी गाज

पॉलिटिकल दबाव में आ कर इस घटना के बाद दलित परिवार का साथ न देने के आरोप में थाने के इंस्पेक्टर और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया। शुरू से ही यही कहा जाता रहा कि आरोपी सवर्ण परिवार है इसलिए पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही। पुलिस की तफ्तीश जारी थी , सच सामने आना अभी बांकी था ।

पुलिस की जाँच

मामला दर्ज करने के बाद और पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस के लिए सबसे बड़ा टास्क जल्द से जल्द मामले में सबूतों और तथ्यों की जाँच कर सही गुनहगार तक पहुँच कर मामले का खुलासा करना था। फोरंसिक टीम भी डॉग स्क्वॉड के साथ घटना स्थल के खाक छान रही थी। ऐसी बीच पुलिस को एक अहम सुराग लड़की के फोन से मिला।

क्या था फोन मे मिला सुराग

पुलिस ने जब लड़की के फोन की जाँच की तो दो मैसेज मिले जिसमे लड़की किसी के आई लव यू के जवाब में आई हेट यू भेजी थी। और मैसेज भी घटना वाली रात का था।
ये सुराग मिलते ही घटना मे आशनाई और प्रेम प्रसंग के एंगल की आशंका जताई जाने लगी। पुलिस ने फोन के कॉल रिकार्ड्स और मैसेजस खंगालने शुरू कर दिए।

और फिर शुरू हो गयी राजनितिक रोटियों की सिकाई इस घटना के ऊपर

कोई भी मुद्दा प्रियंका गाँधी छोड़ना नहीं चाहती थी

उत्तर प्रदेश चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में कोई भी मुद्दा प्रियंका गाँधी छोड़ना नहीं चाहती थी। खास कर महिलाओं से हुए अपराध के मामलों में प्रियंका काफी सक्रिय हैं। भले ही कांग्रेस की सरकार वाले राजस्थान में आये दिन हो रही रेप और हत्या जैसी घटनाओं पर उनकी आंखे बंद रहती हों ,उनके भाई राहुल गाँधी के कान बंद रहते हों मगर जैसे ही घटना का स्थान कांग्रेस शाषित की जगह बीजेपी शाषित राज्य हुआ तो उनका सक्रिय होना लाजिमी था। 26 नवम्बर को प्रियंका प्रयागराज पहुँच गयीं और प्रेस के सामने पुलिस और योगी सरकार पर जम कर आरोप लगाए। उन्होंने कहा ," प्रदेश में दलितों का हो रहा जुल्म , सरकार और पुलिस दे रही अपराधिओं का साथ। न्याय व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है । महिला , दलित , किसान और गरीबों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह

आप सांसद संजय सिंह यूँ तो उस दिल्ली के सांसद हैं जहां पर आये दिन रेप और हत्या की घटनाएं होती रहती हैं। हाल ही में एक टैक्सी चालक वाजिद की गिरफ़्तारी हुई जिसने दिल्ली में एक युवती को मेट्रो स्टेशन से बैठाने के बाद सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ मारपीट की और जब वह मरणाशन्न हो गयीं तो बलात्कार करके फोन लेकर फरार हो गया।

लेकिन अरविन्द केजरीवाल के नेताओं को तो अपने प्रदेश के रेप विक्टिम के इंसाफ से कहाँ लेना देना है। हाँ अगर कहीं चुनाव है और सरकार विरोधी पार्टी की है तो बात अलग है।

सो आप नेता संजय सिंह भी पहुंच गए फाफामऊ और दलित परिवार को जल्द इंसाफ न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

समाजवादी पार्टी

संजय सिंह दिल्ली से आ गए तो भला सपा भी कहाँ पीछे रहने वाली थी। सो संजय सिंह के साथी ही तमाम समाजवादी पार्टी के नेता हो लिए और विपक्ष के साथ एकजुट हो कर पीड़ित परिवार का साथ देने का आश्वाशन दिया।

पुलिस कि जाँच कहाँ पहुंची

पुलिस को लड़की के फोन मे किसी को आई हेट यू वाले मैसेज के भेजे जाने के सुराग के साथ मामले में नई वजहों का अंदेशा होने लगा। जब पुलिस ने लड़की के फोन के कॉल रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि दलित समाज के ही प्रधान नाम के लड़के के साथ लड़की की चैटिंग होती थी । लडके ने लड़की का नंबर गौरी के नाम से सेव कर रखा था।

लड़की लगातार लड़के को इंकार करती थी मगर लड़का उस पर बार बार प्यार करने का दबाव बना रहा था। घटना के पहले लड़के ने लड़की को आई लव यू लिख कर भेजा था जिसके जवाब मे लड़की ने आई हेट यू भेजा था।

जिसके बाद से दोनों के बीच कोई कॉल या मैसेज नहीं मिले। पुराने मैसेजेस लड़की के फोन से डिलीट हैं जिनको रिकवर करने कि कोशिश पुलिस कर रही है।

पुलिस का क्या है कहना

पुलिस ने आरोपी पवन सरोज को प्रेस कॉन्फ्रेंस मे प्रस्तुत कर के कहा कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। जबकि हत्या मे शामिल उसका साथी जो की मृत परिवार का रिश्तेदार भी है फरार चल रहा है। जिसे पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। जांच के लिए
डीएनए सैंपल ले लिए गए हैं। जिसके बाद ही पुष्टि हो सकेगी की आरोपी ने ही घटना को अंजाम दिया गया है। परिवार के आरोप के तहत लड़की नाबालिग थी मगर जाँच मे लड़की कि उम्र 25 वर्ष पायी गयी। पहले गिरफ्तार किये गए सवर्ण परिवार के 8 लोगों के ऊपर से पास्को की धारा हटा ली गयी है।

राजनीति के गलियारों मे आरोपी दलित ही निकलने के बाद पसरा सन्नाटा

इस पूरे मामले मे शुरू से ही दलित सवर्ण का एंगल देकर राजनितिक रोटियां सेंकने वालों ने अब चुप्पी साथ ली है। चाहे कांग्रेस कि नेता प्रियंका वाड्रा हों या आम आदमी पार्टी के संजय सिंह या फिर समाजवादी पार्टी। सभी फिलहाल मामले पर बोलने से बच रहे हैं। प्रदेश मे चुनाव होने वाले हैं जिसे देखते हुए प्रदेश भर मे इस घटना को दलित के ऊपर सवर्ण के द्वारा किये गए अत्याचार के रूप में प्रसारित कर हाथरस जैसा ही रंग देने की विपक्ष की योजना पर फिलहाल पुलिस के खुलासे के बाद विराम लग गया है।

आगे की जाँच के बाद ही सही निष्कर्ष निकलेंगे

भले ही आरोपी पकड़ा जा चुका हो और पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया हो। लेकिन जब तक डीएनए सैंपल की जाँच पूरी नहीं हो जाती। तब तक आरोप सिद्ध नहीं होंगे की आरोपी गिरफ्तार दलित युवक ही है या फिर सवर्ण परिवार। अभी तक पुलिस को सवर्ण परिवार के खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिले हैं। हालाँकि उनके भी डीएनए सैंपल लेकर घटना स्थल पर मिले साक्ष्यों के साथ मिलान के लिए भेज दिए गए हैं।

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