डेस्क न्यूज़ – जिला मुख्यालय महासमुंद में प्रवेश करने वाले जंगली हाथियों के एक समूह से नागरिक डरते हैं। 'हाथी आया–हाथी आया 'की चर्चा है। आज सुबह 6-7 बजे के बीच, 19 हाथियों का एक दल शहर से गुज़रा। राष्ट्रीय राजमार्ग -353 जिला मुख्यालय को पार करने वाले नागरिकों ने हाथियों के झुंड को देखा। सीताली नाला के पास हाथियों का झुंड सड़क पार कर गया। ये जंगली हाथियों ने जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर बम्हनी के पास दो दिनों के लिए डेरा डाल दिया है, और शहर से होते हुए मुदमार जंगल की ओर निकल गए। इस दौरान शहर के बाहरी इलाके में एक खेत में काम कर रही एक बुजुर्ग महिला पर हाथी ने हमला कर घायल कर दिया। महिला का इलाज जिला अस्पताल महासमुंद में चल रहा है। उसकी हालत खतरे से बाहर है।
शहर से गुजरने वाले हाथी पास के जंगल में जारी हैं। इससे नागरिक असुरक्षित महसूस करते हैं। हाथी कब किस दिशा में पहुंच जाए, कहना मुश्किल है। गौरतलब है कि जिले के सिरपुर क्षेत्र में जंगल को हाथियों द्वारा गलियारा बना दिया गया है। यहां से वे आसपास के इलाके में भटकने लगे। रायपुर जिले के सीमावर्ती गांवों बलौदाबाजार, गरियाबंद और महानदी को पार करते हुए इन हाथियों ने इलाके में दहशत मचा रखी है।
सोमवार सुबह, जब हाथियों के एक समूह को महासमुंद शहर से गुजरते हुए सीताली नाला के पास देखा गया, तो नागरिकों में दहशत थी। हाथी दल राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क पार कर दलदल की ओर बढ़ गया। इस अवधि के दौरान, सुभाषनगर महासमुंद की एक महिला संगीन द्वारा 65 वर्षीय हाथी का हमला घायल हो गया। पुलिस कर्मियों ने उसे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। वन विभाग की पूरी टीम इन हाथियों पर नजर रखे हुए है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को बम्हनी के सीताफल कछार कमरा नंबर 439 में 23 हाथियों ने डेरा जमाया था। बाद में राजिम क्षेत्र की ओर रवाना हुए। रविवार को लौटकर, उन्होंने पूरे दिन बम्हनी के पास डेरा डाला। बाद में, रात में उनका आंदोलन शुरू हुआ। ये हाथी मासीवा, परसाकोल के रास्ते सीताली नाला के किनारे भेसर सड़क मार्ग से महासमुंद शहर पहुंचे। वन विभाग की टीम निगरानी के नाम पर आगे–पीछे घूम रही है। जंगल से हाथियों के शहरी क्षेत्र में आने से नागरिकों के साथ–साथ वन विभाग की चिंता बढ़ गई है।