मुंबई – पुणे में हुए भीमा कोरेगांव हिंसा का आरोपी गौतम नवलखा के रिश्ते पाकिस्तानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ थे। यह जानकारी पुणे पुलिस ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को दी। पुलिस के मुताबिक, नवलखा कश्मीर के अलगाववादियों और उन सभी लोगों से जुड़ा था, जिनके हिजबुल से रिश्ते थे।
पुलिस ने हाई कोर्ट से मांग की है कि नवलखा की रिहाई पर रोक लगा दी जाए, ताकि मामले में जरूरी जांच पूरी की जा सके। हालांकि, कोर्ट ने अगले आदेश तक नवलखा की गिरफ्तारी बढ़ाते हुए उसे सुरक्षा देने को कहा है। राज्य सरकार की ओर से वकील अरुणा पई और नवलखा के वकील युग चौधरी ने कोर्ट के सामने अपनी बात रखी।
अरुणा ने कोर्ट में पुणे पुलिस की चार्जशीट के आधार बताया, 'भीमा कोरेगांव की जांच में सामने आया है कि पाक के आतंकी संगठन के जरिए माओवादियों को हथियार सप्लाई करवाए गए थे।' अर्बन नक्सल केस के आरोपी नवलखा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन पर दर्ज हुए मामले को खत्म करने की अपील की। हाईकोर्ट ने इस पर राज्य सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा था।
1 जनवरी 1818 को भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर अंग्रेजों ने जीत दर्ज की थी। इसमें दलित भी शामिल थे। बाद में अंग्रेजों ने कोरेगांव में अपनी जीत की याद में जयस्तंभ का निर्माण कराया था। आगे चल कर यह दलितों का प्रतीक बन गया। लड़ाई की 200वीं सालगिरह के मौके पर दलित संगठनों ने 1 जनवरी 2018 को कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसी दौरान हिंसा में एक युवक की मौत हो गई और 50 गाड़ियां फूंकी गईं।