मां का अंतिम संस्कार करने लिए पिता को पैरोल दिलाने के लिए 16 घंटे जेल के बाहर बैठी रही बेटी

कलेक्टर ने जेल अधिकारियों से बातचीत के बाद बसंता को सेवर जेल से धौलपुर ले जाने के आदेश दिए, कलेक्टर ने बताया कि पत्नी के अंतिम संस्कार के बाद उन्हें फिर से जेल भेजा जाएगा
मां का अंतिम संस्कार करने लिए पिता को पैरोल दिलाने के लिए 16 घंटे जेल के बाहर बैठी रही बेटी
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डेस्क न्यूज़- धौलपुर जिले के कौलारी थाना क्षेत्र के परौआ गांव निवासी 16 वर्षीय बेटी को मां के अंतिम संस्कार के लिए पिता की जरूरत है, पिता 10 साल से सेवर जेल में हैं, पिता के बिना मां का अंतिम संस्कार कैसे किया जाए इसके लिए 16 घंटे तक वह जेल प्रशासन और कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाती रहीं, पिता की पैरोल के लिए शुक्रवार देर रात 16 साल की बेटी गिरजा परमार सावर जेल पहुंची, पिता को बाहर निकालने के लिए जेल प्रशासन से गुहार लगाई तो कलेक्टर से मदद मांगी, शनिवार की सुबह वह धौलपुर कलेक्ट्रेट के गेट पर बैठ गईं।

अंतिम संस्कार के बाद उन्हें फिर से जेल

मामला सामने आने के बाद कलेक्टर राकेश जायसवाल ने इसे गंभीरता से लिया, कलेक्टर ने जेल अधिकारियों से बातचीत के बाद बसंता को सेवर जेल से धौलपुर ले जाने के आदेश दिए, कलेक्टर ने बताया कि पत्नी के अंतिम संस्कार के बाद उन्हें फिर से जेल भेजा जाएगा, भूमि विवाद में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बसंत को सिर्फ पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए अनुमति दी गई है, इसके बाद उसे तुरंत भरतपुर सावर जेल भेजा जाएगा।

हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मां का अंतिम संस्कार

इससे पहले पिता के लिए पैरोल मांग रही बेटी ने कहा कि उसकी मां का शव गांव में उनके पुश्तैनी घर में रखा गया है, वह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मां का अंतिम संस्कार करना चाहती हैं, जिसके अनुसार पिता बसंत के द्वारा ही अंतिम संस्कार कर सकते हैं। जेल में बंद पिता बसंत को पैरोल पर लाने के लिए मैं रात से ही अधिकारियों के चक्कर लगा रहा हूं, वह इस बात पर अड़ी थी कि जब तक उसके पिता पैरोल पर बाहर नहीं आएंगे, तब तक उसकी मां का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

हत्या के मामले में सजा काट रहे पिता

पुलिस ने बताया कि 10 साल पहले मध्य प्रदेश निवासी बसंत परमार ने जमीन के विवाद को लेकर गांव में अपने चाचा और उसके सहयोगी की हत्या कर दी थी, हत्या के बाद कोर्ट ने बसंत को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई, बेटी के पिता बसंता भरतपुर की सेवर जेल में सजा काट रहे हैं।

अंतिम संस्कार के लिए पिता की पैरोल

पिता की पैरोल के लिए भटक रहे गिरिजा ने बताया कि जमीन के विवाद में चार-पांच लोगों ने उनकी मां की हत्या कर दी, कौलारी थाना प्रभारी नरेश पोशवाल ने बताया कि मृतक गुड्डी के भाई ने एक माह पूर्व रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि गांव के ही कुछ लोगों ने जमीन विवाद को लेकर उसकी बहन को आग के हवाले कर दिया है, उनका ग्वालियर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, गुड्डी की शुक्रवार सुबह मौत हो गई, शुक्रवार शाम उसकी बेटी शव लेकर अपने गांव आई थी, वह शव के अंतिम संस्कार के लिए पिता की पैरोल की मांग कर रही है।

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