ट्राई साइकिल पर बैठे-बैठे आ गई मौत, एक घंटा बाजार में पड़ा रहा शव, नजरेें फेर कर गुजरते रहे लोग

लोगों के दिलो-दिमाग में कोरोना का डर इस कदर बैठा हुआ है कि कोई अचानक मर जाता है तो उसके अंतिम संस्कार तक के लिए लोग आगे नहीं आते। शनिवार को जिले के आवां में दिव्यांग की मौत के बाद ऐसा ही हुआ है। वहां दोपहर को दिव्यांग बाबू लाल माली की बस स्टैंड पर ट्राई साइकिल पर बैठे-बैठे ही मौत हो गई
ट्राई साइकिल पर बैठे-बैठे आ गई मौत, एक घंटा बाजार में पड़ा रहा शव, नजरेें फेर कर गुजरते रहे लोग

लोगों के दिलो-दिमाग में कोरोना का डर इस कदर बैठा हुआ है कि कोई अचानक मर जाता है तो उसके अंतिम संस्कार तक के लिए लोग आगे नहीं आते। शनिवार को जिले के आवां में दिव्यांग की मौत के बाद ऐसा ही हुआ है। वहां दोपहर को दिव्यांग बाबू लाल माली (60) की बस स्टैंड पर ट्राई साइकिल पर बैठे-बैठे ही मौत हो गई।

दिव्यांग बाबू लाल माली की बस स्टैंड पर ट्राई साइकिल पर बैठे-बैठे ही मौत हो गई

इसका आभास पास खड़ी उसकी बेटी को हुआ तो वह चिल्लाने लगी। कुछ

राहगीर आसपास भी आए, लेकिन कोई भी उसे डाक्टर के पास ले जाना तो

दूर की बात रही, उसे हाथ तक नहीं लगाया। सब लोग तमाशबीन बने रहे।

इसकी सूचना जब सरपंच दिव्यांशु एम भारद्वाज को दी गई तो वे मौके पर पहुंचे।

उन्होंने अस्पताल की डॉक्टर निधि साहू को बुला कर बाबू लाल का चेकअप कराया। उसके बाद डॉक्टर निधि ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में सरपंच भारद्वाज में तहसीलदार से कहकर बात कर पीपीई किट मंगवाए और कोरोना गाइड लाइन के अनुसार उसका अंतिम संस्कार पंचायत प्रशासन की ओर से करवा दिया।

मृतक बाबूलाल की बेटी वैजयंती ने बताया कि कुछ दिनों से उसके पिता की तबीयत खराब थी

मृतक बाबूलाल की बेटी वैजयंती ने बताया कि कुछ दिनों से उसके पिता की तबीयत खराब थी। दोपहर करीब एक बजे बाजार में दवाई लेने के लिए पिता को ट्राई साइकिल पर लेकर गई थी। वह बस स्टैंड पहुंची ही थी कि उसकी अचानक मौत हो गए।

मृतक के नहीं है बेटा, बेटी भी है मानसिक रूप से बीमार

मृतक बाबूलाल के बीमारी के चलते करीब दस साल पहले दोनों टांगे इलाज के दौरान घुटने से काट दी गई थीे। बाबूलाल के कोई सगा भाई नहीं है और ना बेटा है। अभी एक बेटी है वह भी मानसिक रूप से बीमार है। मां-पिता और पत्नी के पहले ही मौत हो चुकी है।

गरीब, लावारिस के शवों का अंतिम संस्कार करवाती आवा पंचायत

आवां सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज ने बताया कि पंचायत प्रशासन की ओर से कोरोना से मरने वाले गरीब व लावारिस लोगों का अंतिम संस्कार पंचायत की ओर से करवा जाता है। इसकी शुरुआत इस साल से की है।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com