राजनाथ सिंह आज air force कमांडरों के सम्मेलन में शामिल हुए हैं। यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में वायु सेना की भूमिका की खुलकर प्रशंसा की और कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। अगर भारत और चीन के बीच युद्ध की स्थिति बनती है, तो वायु सेना को छोटी सूचना पर पूरी तैयारी करनी होगी। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच मई में तनाव शुरू हुआ था। तभी भारतीय वायु सेना ने अपने लड़ाकू जेट और अपाचे से लेकर एलएसी जैसे हेलीकॉप्टरों पर हमला किया।
इसके साथ, वायु सेना ने सैनिकों और आवश्यक हथियारों को हवा में उठा लिया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने air force की इस भूमिका की प्रशंसा की। वह एयरफोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने भारतीय air force की तत्परता और सीमाओं की रक्षा के लिए वायु सेना द्वारा उठाए जा रहे कदमों की प्रशंसा की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना के कमांडरों से कहा कि सशस्त्र बलों को अल्प सूचना पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहने के साथ-साथ लंबे समय में किसी भी हमले को रोकने के लिए सैन्य क्षमता बनाए रखने की आवश्यकता है। air force के कमांडर सम्मेलन में भारत-चीन के बीच होने वाली तैनाती पर ध्यान दिया जाएगा।
एयरफोर्स की बैठक में अगले दो दिन पूर्वी लद्दाख की स्थिति का रिव्यू करने और अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड समेत चीन से लगी सीमा के सभी सेंसेटिव इलाकों में एयरफोर्स की क्षमता बढ़ाने पर फोकस रहेगा। वायुसेना के कमांडर एयर डिफेंस सिस्टम का रिव्यू भी करेंगे।
लद्दाख में फाइटर जेट राफेल के पहले बैच की तैनाती पर भी चर्चा होगी। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक 5 राफेल का पहला बैच इसी हफ्ते भारत आ सकता है। इन्हें 29 जुलाई को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना में शामिल किया जाएगा। फाइनल इंडक्शन सेरेमनी 20 अगस्त को होगी।