न्यूज – बीते कुछ दिनों से लद्दाख में चीन से लगती सीमा पर जारी तनाव फिलहाल खत्म होता दिखाई दे रहा है। चीन के जवान करीब ढाई किमी पीछे चले गए हैं। रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी इसको भारत की बड़ी जीत मानते हैं। उनका कहना है कि भारत ने इस बार चीन को करारा जवाब दिया है और यही वजह है कि बिना एक भी गोली चले चीन चुपचाप पीछे चला गया। हालांकि, वे ये भी मानते हैं कि चीन ने इस बार गावलान में जो हिमाकत की वो पहली बार और ज्यादा खतरनाक थी। उसने यहां वही हरकत की, जो कारगिल में कभी पाकिस्तान ने की थी, जिसकी वजह से तीन माह तक युद्ध चला था।
बख्शी का कहना था कि लद्दाख से लगती सीमा पर दरअसल लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल है। यहां पर चीन पहले भी इस तरह की हिमाकत करता रहा है और फिर वापस भी जाता रहा है। बीते कई वर्षों के दौरान भारत ने इस सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन चीन इसको बनाए रखना चाहता है।
उसका मकसद है कि वह कि जब भी उसको अंतरराष्ट्रीय मंच पर किसी मुद्दे पर कुछ दबाव झेलना पड़े तो वो भारत की सीमा से लगते इलाकों में विवाद पैदा कर दे, जिससे पूरी मीडिया का ध्यान उससे हटकर सीमा विवाद पर लग जाए। वे मानते हैं कि चीन की पहले से ही ये नीति रही है। भारत ने कई बार चीन से सीमा विवाद सुलझाने के लिए नक्शों का आदान -प्रदान करने की मांग की है, लेकिन चीन ने कभी भी इस पर कोई तवज्जो नहीं दी।
बख्शी का कहना है कि चीन इस विवाद को ज्यादा तूल नहीं दे सकता था, क्योंकि उसका ध्यान पूर्वी क्षेत्र पर लगा है। दक्षिण चीन सागर और ताइवान के साथ लगातार विवाद बना हुआ है। वह नहीं चाहता है कि लद्दाख के विवाद को लंबा कर वो किसी भी तरह की मुसीबत में पड़ जाए। वहीं भारत ने इस बार जो कार्रवाई की उसके बारे में उसने पहले नहीं सोचा था। ये भारत की बड़ी जीत है।