न्यूज़- प्रिंट मीडिया में एक खबर प्रकाशित हुई कि भारतीय सेना को गुजरात में तैनात किया जा रहा है। इसमें ये भी कहा गया था कि छुट्टी पर गए सेना के जवानों और सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच चुके सैन्यकर्मियों को वर्तमान परिस्थितियों में गुजरात में तैनात किया जाएगा। भारतीय सेना ने इन भ्रामक और झूठी खबरों को लेकर लोगों को सचेत किया है।
भारतीय सेना की तरफ से कहा गया है कि ये खबर पूरी तरह से झूठ और भ्रामक है। इंडियन आर्मी के एडीजीपीआई के ट्विटर हैंडल से इन खबरों का खंडन किया गया है और कहा गया है, 'मौजूदा स्थिति में गुजरात में सेना की तैनाती, छुट्टी पर गए और सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच चुके सैन्यकर्मियों को निर्देश दिए जाने संबंधित गलत और झूठी खबरें कुछ प्रिंट मीडिया में आई हैं, मीडिया से अनुरोध है कि प्रकाशन से पहले इस तरह की खबरों की पुष्टि आधिकारिक स्रोतों से की जाए।'
लॉकडाउन के दौरान राज्य की पुलिस और प्रशासन सक्रिय है और सेना की तैनाती की खबरें पूरी तरह से भ्रामक हैं। कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच कई तरह की अफवाहों का बाजार गर्म रहा है। इसी तरह, हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पीसी एंड पीएनडीटीसी (पूर्व गर्भाधान और प्री नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक) एक्ट 1994 को निलंबित कर दिया है। यह रिपोर्ट झूठी है, पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुद इसका खंडन किया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने एक स्पष्टीकरण में कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (MoHFW) ने गर्भधारण करने से पहले या बाद में बच्चे का लिंग चयन करने पर प्रतिबंध लगाने वाले पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम को रद्द नहीं किया है। बता दें कि पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है।