चीन के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने जल, सेना के साथ-साथ वायुसेना को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी के तहत दुनिया का सबसे हल्का स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर वायुसेना को सौंपा जा रहा है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे 19 नवंबर को उत्तर प्रदेश के झांसी में वायुसेना को सौंपेंगे। इसके अलावा सेना को ड्रोन और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट भी दिए जाएंगे। स्वतंत्रता दिवस के 75 वर्ष पूरे होने पर देशभर में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। यह कार्यक्रम भी इसके तहत ही किया जा रहा है। इस लड़ाकू हेलिकॉप्टर में कुछ ऐसी विशेषताएं है जो इसे सबसे अनूठा बनाती है।
1. स्वदेशी डिजाइन और उन्नत तकनीक
2. किसी भी मौसम में उड़ने में सक्षम
3. आकाश से शत्रुओं पर नजर रखने में सहायक
4. हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल ले जा सकते हैं
5. चार 70 या 68 एमए रॉकेट ले जाने में सक्षम
6. फॉरवर्ड इन्फ्रारेड सर्च, सीसीडी कैमरा और थर्मल विजन और लेजर रेंज फाइंडर भी
7. रात्रि ऑपरेशन करने और दुर्घटना से बचने में भी सक्षम
1999 में कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन की ऊंचाई को देखते हुए इस हेलीकॉप्टर की जरूरत महसूस की गई थी। इसके बारे में जानकारी सबसे पहले 2006 में सामने आई थी। 2015 में इसका परीक्षण किया गया था। इस दौरान इसने 20 हजार से 25 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरी। पिछले साल चीन से तनातनी के बीच इसकी दो यूनिट लद्दाख में तैनात की गई थीं।