जैसलमेर में  मिग-21 विमान क्रैश  विंग कमांडर शहीद

जैसलमेर में मिग-21 विमान क्रैश विंग कमांडर शहीद

जैसलमेर में मिग-21 विमान क्रैश विंग कमांडर हर्षित सिन्हा शहीद, अगस्त में बाड़मेर में भी हुआ था ऐसा हादसा, 60 सालों में 400 से ज्यादा मिग हादसे के शिकार

विमान करीब साढ़े आठ बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया, विंग कमांडर हर्षित सिन्हा ने जैसलमेर वायु सेना स्टेशन से नियमित उड़ान के लिए उड़ान भरी, दुर्घटनास्थल जैसलमेर से करीब 70 किमी दूर है
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भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार शाम राजस्थान के जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, इस हादसे में पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा की मौत हो गई है, एयरफोर्स ने इसकी पुष्टि की है, सुदासरी डेजर्ट नेशनल पार्क में जेट गिरा है और पाकिस्तान की सीमा के पास है, यह इलाका सेना के नियंत्रण में है, इसलिए किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।

कमांडर ने नियमित उड़ान के लिए उड़ान भरी
विमान करीब साढ़े आठ बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया, विंग कमांडर हर्षित सिन्हा ने जैसलमेर वायु सेना स्टेशन से नियमित उड़ान के लिए उड़ान भरी, दुर्घटनास्थल जैसलमेर से करीब 70 किमी दूर है। पुलिस और दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंच गई, आसपास के ग्रामीणों के मुताबिक विमान में हवा में आग लग गई, जिसके बाद यह धमाका करते हुए जमीन पर आ गिरा।

हादसा नेशनल पार्क में हुआ

जहां हादसा हुआ, उसके नजदीक नीमबा गांव के लोगों ने बताया कि उड़ते हुए विमान में आग लगते ही वह धमाका करके नीचे गिर गया, जब गांव के कई लोग वहां दौड़े तो चारों ओर आग का घेरा बन गया था, हादसा नेशनल पार्क में हुआ था, इसलिए वहां किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी।

कमांडर सिन्हा खुद को बाहर नहीं निकाल सके

बाद में सेना ने कब्जे में लेकर पूरे इलाके को घेर लिया, इसके बाद कलेक्टर आशीष मोदी, एसपी अजय सिंह, दमकल की टीम और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. अब तक मिली जानकारी के अनुसार मौके पर मिले शव के कपड़े पर नेम प्लेट भी जली हुई है, ऐसा माना जाता है कि विंग कमांडर सिन्हा हवा में ही आग लगने के कारण खुद को बाहर नहीं निकाल सके।

इससे पहले भी बाड़मेर में हादसा

इससे पहले अगस्त 2021 में बाड़मेर में एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, यह एक लड़ाकू जेट प्रशिक्षण उड़ान पर था, टेकऑफ के बाद उसमें तकनीकी खराबी आ गई और विमान एक झोपड़ी पर गिर गया, विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले पायलट ने खुद को बाहर निकल लिया था।

भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है, 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में वायु सेना में शामिल किया गया था, शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने के अधिकार और तकनीक हासिल कर ली। तब से लेकर अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध सहित कई मौकों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रूस ने 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया था, लेकिन भारत इसके उन्नत संस्करण का उपयोग कर रहा है।

राजस्थान में पहले भी हुए फाइटर जेट क्रैश

  • 12 फरवरी 2013: उत्तरलाई से महज 7 किमी. अनानी की धानी कुडला के पास मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त, पायलट सुरक्षित

  • 7 जून 2013: उत्तरलाई से 40 कि.मी. दूर सोदियार में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित

  • 15 जुलाई 2013: उत्तरलाई से 4 किमी. दूर बांद्रा में मिग-27 क्रैश, पायलट सुरक्षित

  • 27 जनवरी 2015: बाड़मेर में शिवकर रोड पर मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त, पायलट सुरक्षित।

  • 10 सितंबर 2016: माली की ढाणी बाड़मेर में मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त, पायलट सुरक्षित।

  • 15 मार्च 2017: सुखोई-30 शिवकर के पास दुर्घटनाग्रस्त, पायलट सुरक्षित।

  • 25 अगस्त 2021: मातासर भूटिया में मिग-21 बाइसन क्रैश, पायलट सुरक्षित

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