जमात से जुड़े 83 विदेशियों के खिलाफ 20 चार्जशीट दायर करेगी दिल्ली पुलिस

देश में जब कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत हुई थी तो इसमे सबसे बड़ा योगदान तबलीगी जमात के लोगों का था, जिन्होंने जमात में शामिल होने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में इस वायरस को फैलाया था।
जमात से जुड़े 83 विदेशियों के खिलाफ 20 चार्जशीट दायर करेगी दिल्ली पुलिस

न्यूज़- देश में जब कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत हुई थी तो इसमे सबसे बड़ा योगदान तबलीगी जमात के लोगों का था, जिन्होंने जमात में शामिल होने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में इस वायरस को फैलाया था। अब जब जमात के तकरीबन सभी लोगों को ट्रेस कर लिया गया है और उनका इलाज करके उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है तो दिल्ली पुलिस इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस 83 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दिल्ली की साकेत कोर्ट में 20 चार्जशीट फाइल करने की तैयारी कर रही है जिनका तबलीगी जमात से कनेक्शन है।

इससे पहले तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ क्राइम ब्रांच की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके बेटे मोहम्मद सईद के पासपोर्ट को सीज कर दिया था। इसके अलावा मौलाना साद के करीबी 5 व्यक्तियों के भी पासपोर्ट जब्त कर लिए गए थे। जानकारी के अनुसार ये सभी लोग मरकज के प्रबंधन से जुड़े थे। क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई के बाद इन लोगों का देश छोड़कर भाग पाना संभव नहीं है। हाल के कुछ दिनों से क्राइम ब्रांच ने मरकज और मौलाना साद से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही क्वारेंटीन में रखे गए जमातियों को नोटिस देकर उनके पासपोर्ट, वीजा व अन्य दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। अभी तक क्राइम ब्रांच ने 816 विदेशी जमातियों को नोटिस भेजकर उनसे पूछताछ कर रही है।

हाल ही में देश में मार्च में बड़ी संख्या में आए कोरोना मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक बार फिर से तबलीगी जमात को जिम्मेदार ठहराया था। रविवार को एक बैठक के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि तबलीगी जमात की वजह देश में कोरोना के मामले बढ़े हैं, लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि यह बात पुरानी हो गई है। दरअसल भाजपा सांसद और प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने सवाल पूछा था कि, क्या तबलीगी जमात से भारत में कोरोना बढ़ा?

भाजपा सांसद और प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव के साथ संवाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि, इसपर बहुत चर्चा हुई, कहते हुए दुख भी होता है कि मार्च में जब दुनिया में तेजी से संक्रमण हो रहा था तब भारत में केसों की संख्या मामूली थी। उस वक्त यह गैर जिम्मेदाराना काम हुआ। यह वाक्या उस समय का है, जब 10 -15 लोगों के एक जगह जुटने पर पाबंदी थी, लेकिन हजारों लोग विश्व के 10 से 15 देशों के जमा हुए। इसके बाद वे देश के कई भागो में फैल गये। इनकी वजह से देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, इस मामले से निपटने में कई राज्यों और गृह मंत्री ने मदद की और हम इसको कंट्रोल करने में सफल रहे। लेकिन आज उसकी चर्चा की जरूरत नहीं है। हमने उन लोगों को इलाज किया और क्वारंटाइन किया। 28 दिनों तक क्वारंटाइन में रखने के बाद हमने खुद उनको अपने घर रवाना किया है। हमें अनुशासन का पालन करना चाहिए।

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