क्या मनोज मुन्तशिर ने छाप दी हिंदी मे अंग्रेजी कविता को खुद के नाम के साथ ?

मनोज मुन्तशिर पर अंग्रेजी कविता के हिंदी अनुवाद को अपने नाम के साथ किताब मे छपने के आरोप लग रहे हैं सोशल मीडिया पर कविता हुई वायरल
क्या मनोज मुन्तशिर ने छाप दी हिंदी मे अंग्रेजी कविता को खुद के नाम के साथ ?

मनोज मुन्तशिर बेशक परिचय के मोहताज नहीं , उनकी लिखे गाने लोगों की जुबान पर हैं। तेरी मिटटी मे मिल जावा जैसे सुपरहिट गाने लिखने वाले मनोज कुछ दिन से काफी सुर्खियों मे हैं। लेकिन फ़िलहाल तो हम बात करने जा रहे उनकी एक किताब की कविता को लेकर जिसे एक अंग्रेजी कविता का हिंदी अनुवग्द होने के दावे किये जा रहे हैं आइये जानते हैं विस्तार से –

आप भी पढ़े " मुझे कॉल करना " मनोज की लिखी कविता

तुम कभी उदास हो रोने का दिल करे, मुझे कॉल करना..
शायद मैं तुम्हारे आंसू न रोक पाऊं पर तुम्हारे साथ रोऊंगा ज़रूर..
कभी अकेलेपन से घबरा जाओ तो मुझे कॉल करना.
शायद मैं तुम्हारी घबराहट न मिटा पाऊं पर अकेलापन बांटूंगा ज़रूर..
कभी दुनियां बदरंग लगे तो मुझे कॉल करना..
शायद मैं पूरी दुनिया में रंग न भर पाऊं.
पर ये दुआ ज़रूर करूंगा कि तुम्हारी जिन्दगी खूबसूरत हो..
और कभी ऐसा हो कि तुम कॉल करो..
और मेरी तरफ से जवाब ना आए.
तो भाग के मेरे पास आ जाना, शायद मुझे तुम्हारी ज़रूरत हो..

अब पढ़े अंग्रेजी संस्करण जो 2007 में छपी

असल मे ये कविता 2007  में आयी किताब LOVE LOST के पन्नो पर इंग्लिश में छपी गयी थी। इसे लिखा था रॉबर्ट जे. लेवरी ने ।
लेवरी के इस किताब के लिखने के पीछे की वजह थी उनकी ३२ वर्षीय पत्नी की ब्रेस्ट कैंसर से हुई मृत्यु और कुछ अंतराल में हुई उनके बेटे की मृत्यु। इस वियोग ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया। खुद के प्यार को उन्होंने पन्नो पर संजोया मगर उन्हें फिर में सुकून नहीं मिला।
उनकी कविता CALL ME यहाँ पढ़े –

If one day you feel like crying…
call me
I don't promise that
I will make you laugh

But I can cry with you.

If one day you want to run away
Don't be afraid to call me.
I don't promise to ask you to stop,

But I can run with you.

If one day you don't want to listen to anyone
call me
i promise to be there for you
but i also promise to remain quiet

But…
If one day you call
and there is no answer…
come fast to see me..

Perhaps I need you.

गूगल पर भी ट्रांसलेट करने पर दोनों कविता में खास अंतर नहीं मिला। मनोज मुन्तशिर का अब तक इस विषय पर कोई जवाब नहीं आया है।

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com