बी.1.617 वैरिएंट पर केंद्र की दूसरे देशों को नसीहत

बी.1.617 वैरिएंट पर केंद्र की दूसरे देशों को नसीहत

डब्ल्यूएचओ ने अपने 32 पेज के डॉक्यूमेंट्स में बी.1.617 वैरिएंट के साथ कहीं भी इंडियन नहीं जोड़ा है।

कोरोना के नए स्ट्रेन को भारतीय बताने पर सरकार ने आपत्ति जताई है।

जानकारी के अनुसार कोरोना कहर के बीच भारत सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है,

जिसमें दावा किया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है

कि दुनिया के 44 देशों में कोरोना का भारत वाला वेरिएंट मिला है।

सरकार का दावा है कि डब्ल्यूएचओ ने अपने 32 पेज के डॉक्यूमेंट्स में बी.1.617 वैरिएंट के साथ कहीं भी इंडियन नहीं जोड़ा है।

डबल म्यूटेंट वायरस का पता पहली बार पांच अक्तूबर, 2020 को चला,

वहीं, डब्ल्यूएचओ के साउथ-ईस्ट एशिया ऑफिस की तरफ से कहा गया है कि वह वायरस या वैरिएंट्स को किसी देश के नाम से नहीं जोड़ता है, बल्कि उनके साइंटिफिक नाम से ही पहचानता है और सभी को ऐसा ही करना चाहिए। इस वायरस को डबल म्यूटेंट के नाम से भी जाना जाता है, जो शरीर में एंटीबॉडीज को खत्म कर देता है।

हालांकि, उस वक्त भारत में इतना व्यापक नहीं था।

एक बयान में केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने दस्तावेज में डबल म्यूटेंट स्ट्रेन यानी कोरोना वायरस के बी.1.617 प्रकार को 'भारतीय वेरिएंट'के रूप में वर्णित नहीं किया है। डबल म्यूटेंट वायरस का पता पहली बार पांच अक्तूबर, 2020 को चला, हालांकि, उस वक्त भारत में इतना व्यापक नहीं था।

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