28 साल बाद परमाणु परीक्षण पर विचार कर रहे डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन न्यूक्लियर बम के परीक्षण को लेकर विचार कर रहा है। 1992 के बाद पहली बार चीन, रूस से संभावित खतरे को देखते हुए ट्रंप प्रशासन ने परमाणु बम के परीक्षण पर विचार किया है।
28 साल बाद परमाणु परीक्षण पर विचार कर रहे डोनाल्ड ट्रंप

न्यूज़- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन न्यूक्लियर बम के परीक्षण को लेकर विचार कर रहा है। 1992 के बाद पहली बार चीन, रूस से संभावित खतरे को देखते हुए ट्रंप प्रशासन ने परमाणु बम के परीक्षण पर विचार किया है। बता दें कि इससे पहले 1992 में अमेरिका ने आखिरी बार परमाणु बम का परीक्षण किया था। 28 वर्ष बाद पहली बार शुक्रवार को अमेरिका के उच्च स्तरीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े लोगों ने इसपर चर्चा की। माना जा रहा है कि इस परीक्षण का मकसद हथियारों की विश्वसनीयता को परखना है और साथ की आधुनिक डिजाइन के हथियार को बनाने पर विचार करना है।

वॉशिंटन पोस्ट की खबर के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी जोकि सुरक्षा मामलों से जुड़े हैं उन्होंने कहा कि अमेरिका ने मास्को और पेइचिंग को यह दिखा दिया है कि वह काफी तेजी से टेस्ट कर सकता है। साथ ही इन हथियारों पर नियंत्रण के लिए अमेरिका चीन और रूस के साथ एक नई डील को साइन करना चाहता है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह नए हथियार नहीं बनाने जा रहे हैं, लेकिन अगर रूस व चीन मे बात करने से इनकार किया तो उनके पास यह विकल्प मौजूद है। सूत्रों की मानें तो अमेरिका में इस परीक्षण के प्रस्ताव पर काफी गंभीर मतभेद हैं।

रिपोर्ट के अनुसा यह बैठक 15 मई को हुई, जिसमे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े तमाम वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में चीन और रूस के हल्के परमाणु बम के मसले को उठाया गया। अमेरिका ने आरोप लगाया कि दोनों देशों ने परीक्षण किया है। हालांकि रूस और चीन दोनों ने ही इससे इनकार किया है। वहीं अमेरिका की सुरक्षा परिषद की ओर से इस बाबत कोई बयान नहीं आया है। रिपोर्ट की मानें तो एनएसए ने इस मामले पर अपनी असहमति जताई है। बता दें कि एनएसए ही परमाणु हथियारों की सुरक्षा को तय करती है।

गौरतलब है कि अमेरिका के पास 3800 परमाणु हथियार हैं, इसमे इतनी क्षमता है कि यह पूरी दुनिया को कई बार पूरी तरह से खत्म कर सकता है। इन हथियारों को ले जाने के लिए यूएस के पास 800 मिसाइलें हैं जोकि चंद सेकेंड्स में दुनिया के किसी भी शहर को खत्म कर सकते हैं। अमेरिका ने 1750 परमाणु बमों को मिसाइलों और बमवर्षक विमानों में तैयार कर रखा है, जबकि 150 परमाणु बम अमेरिका ने यूरोप में तैनात कर रखे हैं ताकि वह रूस पर पैनी नजर बनाए रहे। दरअसल 2021 में अमेरिका और रूस के बीच आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी खत्म हो रही है। रूस अमेरिका से इस समझौते को पांच वर्ष बढ़ाने के लिए कई बार कह चुका है। लेकिन अमेरिका का कहना है कि वह इसे तभी बढ़ाएगा जब इसमे चीन, ब्रिटेन, फ्रांस भी आएगे।

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