रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच 1 मार्च को रसोई गैस सिलेंडर की नई दरें जारी कर दी गई है। सिलेंडर की कीमतों में 105 रुपये का इजाफा हुआ है। यह बढ़ोतरी कमर्शियल सिलेंडर में की गई है और काफी हद तक संभव है कि 7 मार्च के बाद घरेलू एलपीजी सिलेंडर भी महंगे हो जाएंगे। क्योंकि अभी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान 3 मार्च को होना है और सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को है। ऐसे में 7 मार्च के बाद यह आफत आ सकती है।
6 अक्टूबर 2021 के बाद से घरेलू रसोई गैस सिलेंडर न तो सस्ता हुआ और न ही महंगा। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल की कीमतें 102 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई हैं। इस दौरान कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में भी खासा बदलाव देखने को मिला। बता दें कि, अक्टूबर 2021 से 1 फरवरी 2022 के बीच कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 170 रुपये का इजाफा हुआ है। 1 अक्टूबर को दिल्ली में एक कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1736 रुपये थी। नवंबर में यह 2000 और दिसंबर में यह 2101 रुपये हो गई थी। इसके बाद जनवरी में यह फिर सस्ता हो गया और फरवरी 2022 में यह सस्ता होकर 1907 रुपये पर आ गया।
बता दें कि, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए नॉन-सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर के दामों में कई महीनों से राहत मिली हुई है। कच्चे तेल की कीमत 102 डॉलर प्रति बैरल को पार करने के बावजूद 6 अक्टूबर 2021 से घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चुनाव के बाद यानी 7 मार्च के बाद कभी भी गैस के दाम 100 रुपये से 200 रुपये प्रति सिलेंडर तक बढ़ सकते हैं।