2021 सर सैयद उत्कृष्टता सम्मान से पुरुष्कृत होंगे गोपी चंद नारंग और फ्रांसिस राबिन्सन

आगामी 17 अक्टूबर को लंदन यूनिवर्सिटी में दक्षिण एशियाई इतिहास के प्रोफेसर डा. फ्रांसिस क्रिस्टोफर रोलैंड राबिन्सन और प्रख्यात भारतीय आलोचक प्रोफेसर गोपी चंद नारंग को 2021 का राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा ।
2021 सर सैयद उत्कृष्टता सम्मान से पुरुष्कृत होंगे गोपी चंद नारंग और फ्रांसिस राबिन्सन
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आगामी 17 अक्टूबर को लंदन यूनिवर्सिटी में दक्षिण एशियाई इतिहास के प्रोफेसर डा. फ्रांसिस क्रिस्टोफर रोलैंड राबिन्सन और प्रख्यात भारतीय आलोचक प्रोफेसर गोपी चंद नारंग को 2021 का राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने प्रोफेसर असगर अब्बास, प्रोफेसर इश्तियाक अहमद जिल्ली, प्रोफेसर एआर किदवई, प्रोफेसर अली मुहम्मद नकवी, डा. मुहम्मद शाहिद, तारिक हसन और प्रो. एम.शाफे किदवई पर आधारित ज्यूरी की शिफारिश पर दोनों नामों का चयन किया है।

प्रोफेसर नारंग का संक्षिप्त परिचय

राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए चयनित प्रोफेसर गोपी चंद नारंग एक सम्मानित साहित्यिक आलोचक और विद्वान हैं, जो उर्दू और अंग्रेजी में लिखते हैं। उनकी हाल की पुस्तकों गालिब, उर्दू ग़ज़ल और मीर तकी मीर दुनिया भर में ख्याति प्राप्त हैं। उन्होंने भाषा, साहित्य, कविता और सांस्कृतिक अध्ययन पर 60 से अधिक विद्वतापूर्ण और आलोचनात्मक किताबे लिखी हैं। इनमे से अनेक पुस्तकों का अन्य भारतीय भाषाओं में भी अनुवाद किया गया है ।

प्रोफेसर नारंग की शुरुआती किताबो में भारतीय किस्सों से माखूज उर्दू मसनवियां , उर्दू ग़ज़ल और भारतीय जहनों तहजीब और हिन्दुस्तान की तहरीके आजादी और उर्दू शायरी शामिल हैं। उन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अध्ययनों पर प्रसिद्ध पुस्तकें भी लिखी हैं, जैसे अमीर खुसरो का हिन्दवी कलाम , सानिहाऐ कर्बला बतौर शैरी इस्तियारा और उर्दू जुबान और लिसानियात (2006) शामिल हैं।

प्रोफेसर फ्रांसिस का संक्षिप्त परिचय

इंटरनेशनल सर सैयद एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त करने वाले प्रोफेसर फ्रांसिस क्रिस्टोफर रोलैंड राबिन्सन ने मुस्लिम दुनिया पर अपना शोध केंद्रित किया है और 'द उलेमा आफ फरंगी महल एण्ड इस्लामिक कल्चर इन साउथ एशिया' (नई दिल्लीः परमानेंट ब्लैक-, लंदनः हर्स्ट लाहौरः फ़िरोज़संस-2002 और जमाल मियां- द लाइफ़ आफ़ जमालुद्दीन अब्दुल वहाब आफ़ फरंगी महल सहित 14 महत्वपूर्ण रचनाएं लिखी हैं। इस्लामिक दुनिया पर उनकी रचनाओं में एटलस आफ़ द इस्लामिक वर्ल्ड सिन्स 1500 , इस्लाम एंड मुस्लिम हिस्ट्री इन साउथ एशिया , द मुगल एम्परर्स और इस्लाम, साउथ एशिया एंड द वेस्ट शामिल हैं। उन्होंने दक्षिण एशिया के इस्लामिक इतिहास पर विशेष रूप से उलेमा और सूफियों की भूमिका पर गहन शोध किया है।

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