उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जब धर्म संसद से जुड़ा सवाल पूछा गया तो वह भड़क गए। इंटरव्यू बीच में ही छोड़कर चले गए मौर्य ने कहा कि धर्म संसद चुनाव से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं है और धर्मगुरुओं को अपने मंच से बोलने का अधिकार है ।
बीबीसी हिंदी को दिए इंटरव्यू में यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से हरिद्वार और रायपुर में हुई धार्मिक संसदों पर सवाल पूछा गया । इंटरव्यू के अंत में उन्होंने माइक भी फेंक दिया था । बीबीसी के मुताबिक मौर्य ने अपने सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर इंटरव्यू की फुटेज भी डिलीट कर दी थी, जो बाद में किसी तरह बरामद हुई ।
जिन दोनों धार्मिक संसदों पर सवाल उठाया गया था, वे सुर्खियों में आईं क्योंकि एक ने मुसलमानों के लिए और दूसरे ने महात्मा गांधी के लिए भड़काऊ बयानबाजी और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था । मौर्य ने पहले कहा था कि बीजेपी को किसी तरह का सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है और वह सबका साथ, सबका विकास की बात करती है ।
धार्मिक संसदों से जुड़े सवाल पर मौर्य ने कहा कि धर्मगुरुओं को अपने मंच से बोलने का अधिकार है । उन्होंने कहा कि आप केवल हिंदू धर्म के शिक्षकों के बारे में ही क्यों बात करते हैं । आप इस बारे में बात क्यों नहीं करते कि अन्य धर्मगुरुओं ने (अन्य धर्मों के) क्या बयान दिए हैं ?
मौर्य ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर से 370 हटने से पहले बात क्यों नहीं करते कि कितने लोगों को वहां से पलायन करना पड़ा । डिप्टी सीएम ने कहा कि धर्म संसद भारतीय जनता पार्टी की नहीं है । संत अपनी सभाओं में जो बात करते हैं, वह उनका विषय होता है। और जो वे (संत) कहते हैं, वह उनके मंच से सही बात है ।
क्या धर्म संसद से जुड़े लोग यूपी चुनाव का माहौल बनाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं ? इस पर मौर्य ने कहा कि ऐसा माहौल बनाने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है । मौर्य ने कहा कि धर्म संसद में किसी के नरसंहार की बात नहीं हुई और यह मुद्दा चुनाव से जुड़ा नहीं है।
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