बीजेपी पंजाब में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर रैली के साथ अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रहे थे । पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने के लिए यहां विशाल पंडाल का निर्माण भी किया गया था । सुरक्षा के लिए रैली स्थल पर 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे । लेकिन एयरपोर्ट से रैली स्थल के बीच ही किसानों ने पीएम मोदी के काफिले को रोक लिया । सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा अधिकारियों ने काफिले को वापस लौटाना उचित समझा ।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि आज सुबह पीएम नरेंद्र मोदी बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था | बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते पीएम ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया | जब मौसम नहीं सुधरा तो तय हुआ कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय मेधावी स्मारक जाएंगे, जिसमें 2 घंटे से अधिक समय लगेगा।
डायलॉग सूत्र फिरोजपुर, किसान मजदूर संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का विरोध करने का ऐलान किया था । मंगलवार को पुलिस ने रैली स्थल की ओर जा रहे किसान मजदूर संघर्ष समिति के काफिले को रोक लिया । समिति के पंजाब अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, उपाध्यक्ष जसबीर सिंह पिड्डी और जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह बाबत ने कहा कि लखीमपुर खीरी कांड में न्याय की मांग, एमएसपी गारंटी का कानून, दिल्ली पुलिस समेत सभी राज्यों में किसानों और मजदूरों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की मांग । वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रधानमंत्री की रैली का विरोध करने की बात बोली थी ।
बयान के अनुसार, 'डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यक पुष्टि के बाद वह सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े। हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर दूर, जब पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो पाया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। इसके बाद पीएम मोदी 15-20 मिनट फ्लाईओवर पर फंसे रहे । यह पीएम की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी।'
प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को 15-20 मिनट तक फंसने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब पुलिस पर बडा आरोप लगाया उन्होंने कहा, 'यह दुख की बात है कि पंजाब के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए जा रहे पीएम मोदी का दौरा बाधित किया गया । राज्य पुलिस को लोगों को रैली में शामिल होने से रोकने के निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री चन्नी ने फोन पर बात करने या इसे हल करने से इनकार कर दिया ।'
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