Punjab Assembly Election 2022 : मोगा से नए साल में राहुल गांधी करेंगे प्रचार की शुरुआत, चन्नी और सिद्धू के बीच संतुलन बनाना चुनौती

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी की ओर से आधिकारिक चुनावी शंख बनाने के लिए नए साल पर पंजाब आएंगे
FILE PHOTO ; RAHUL GANDHI  

FILE PHOTO ; RAHUL GANDHI  

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी की ओर से आधिकारिक चुनावी शंख बनाने के लिए नए साल पर पंजाब आएंगे। मोगा में रैली कर राहुल गांधी चुनावी बिगुल फूंकेंगे। कांग्रेस पार्टी ने राहुल की रैली की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अभी रैली की तारीख तय नहीं हुई है क्योंकि राहुल के कार्यालय से समय नहीं मिला है।

राहुल गांधी की रैली को लेकर प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने की बैठक

राहुल की रैली को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने बैठकें करनी शुरू कर दी हैं। राहुल गांधी 15 महीने बाद पंजाब आ रहे हैं। इससे पहले वह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व करने के लिए अक्टूबर 2020 में मोगा आए थे। अब 2022 में वह कांग्रेस की चुनावी रैली में हिस्सा लेने मोगा आ रहे हैं। भले ही 2020 और 2022 के चुनावी दौरों के बीच बहुत कुछ बदल गया हो, लेकिन कमोबेश यही स्थिति है।

सीएम और सिद्धू के बीच संतुलन की जिम्मेदारी राहुल की होगी

2020 में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू मोगा में बड़निकलन के मंच पर प्रबल विरोधी के रूप में मौजूद थे। तो 2022 में कैप्टन की जगह चरणजीत सिंह चन्नी ने भले ही ले ली हो, लेकिन सिद्धू अब भी मुख्यमंत्री के विरोधी के तौर पर मंच पर मौजूद रहेंगे। इसलिए एक बार फिर राहुल की जिम्मेदारी होगी कि वह मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच संतुलन बिठाएं। हालांकि 2020 में सिद्धू के पास कोई ताकत नहीं थी, लेकिन 2022 में सिद्धू कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। चुनाव प्रचार में दोनों नेता अपने-अपने चेहरे सामने रख रहे हैं।

2020 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के धुर विरोधी के रूप में मौजूद थे सिद्धू

2020 में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू मोगा में बड़निकलन के मंच पर प्रबल विरोधी के रूप में मौजूद थे। तो 2022 में कैप्टन की जगह चरणजीत सिंह चन्नी ने भले ही ले ली हो, लेकिन सिद्धू अब भी मुख्यमंत्री के विरोधी के तौर पर मंच पर मौजूद रहेंगे. इसलिए एक बार फिर राहुल की जिम्मेदारी होगी कि वह मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच संतुलन बिठाएं। हालांकि 2020 में सिद्धू के पास कोई ताकत नहीं थी, लेकिन 2022 में सिद्धू कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। चुनाव प्रचार में दोनों नेता अपने-अपने चेहरे सामने रख रहे हैं।

Like and Follow us on : Twitter Facebook Instagram YouTube

<div class="paragraphs"><p>FILE PHOTO ; RAHUL GANDHI&nbsp;&nbsp;</p></div>
आज बदायूं में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जनसभा कर बढ़ाएंगे सियासी सरगर्मी

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com