केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान का टिकैत पर तंज 'धन्यवाद हऊ को जिसने कोको को खा लिया'

विधानसभा चुनाव के समय राकेश टिकैत ने बीजेपी पर निशाना साधा था कि बीजेपी के बहुत से वोट ‘कोको’ ले गई। चुनावी नतीजें आ जाने के बाद संजीव बालियान से ‘कोको’ के बारे में सवाल किया गया तो बालियान ने कहा ‘कोको’ को हऊ खा गया।
संजीव बालियान और राकेश टिकैत

संजीव बालियान और राकेश टिकैत

From- prabhat khabar

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ। बीजेपी ने एक बार फिर यूपी में जीत हासिल की है, लेकिन अब नेताओं के बयान-पलटवार शुरू हो गए हैं। चुनाव के समय राकेश टिकैत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी के बहुत से वोट ‘कोको’ ले गई।

अब चुनावी नतीजें आने के बाद केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान से ‘कोको’ को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘कोको’ को हऊ खा गया।

बालियान ने टिकैत को घेरा

केन्द्रीय मंत्री बालियान ने कहा कि बीजेपी की सरकार यूपी में 5 साल से है। केंद्र में हम 8 साल से है फिर से जनता ने मोदी के नेतृत्व को लोगों ने स्वीकार कर बीजेपी को वोट किया, हमारी सरकार राज्य में बनने जा रही है। इससे अच्छी बात क्या हो सकती है।

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में कोको बीजेपी का वोट लेने आई थी, उसे हऊ खा गया। किसान आंदोलन के समय एक तरह का माहौल बनाकर गांवों में एक खाई पैदा की गई। इसके बाद चुनाव में गठबंधन के नेताओं ने घी में आग डालने का काम किया।

हर गांव में पार्टियां खड़ी की गई, लोगों की दुश्मनी पैदा की गई। मैंने कहा, समाज को तोड़ने का काम न करो। जिसका जहां मन हो वहां वोट डालो, लेकिन जनता ने हम पर भरोसा किया। सबसे बड़ा धन्यवाद हऊ को, जिसने कोको को खा लिया।

‘कोको’ शब्द कब चर्चा में आया?

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मतदान करने के बाद इस शब्द का उपयोग बीजेपी पर तंज कसने के लिया किया था तब से ही ‘कोको’ शब्द चर्चा में आ गया है। टिकैत यूपी के पहले चरण में मतदान करने पहुंचे थे।

मतदान करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने तो अपने मत का इस्तेमाल किया है लेकिन यहां बीजेपी वालों की बहुत से वोटों को ‘कोको’ ले जाती देखी गई है। इस दौरान वहां खड़े लोग भी ठहाके लगाकर हंसने लगे।

यहां तक की RLD नेता जयंत चौधरी ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘लोग dictionary में कोको का मतलब ढ़ूँढ़ रहे है’

आखिर ये ‘कोको’ क्या है?

कोको का सही मतलब बाज की एक नस्ल से है। ये वह शब्द है जिससे वहां के छोटे बच्चों को जिद्द करने पर वह चीज नहीं देने के लिए बहलाया-फुसलाया जाता है।

बच्चे जब किसी चीज की जिद्द करते है तो आसमान की तरफ इशारा करते हुए कहा जाता है कि देखो कोको चीज ले गई। ऐसे में बच्चा आसमान की ओर देखता वैसे ही वो चीज छपा ली जाती है।

<div class="paragraphs"><p>संजीव बालियान और राकेश टिकैत</p></div>
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