उत्तर प्रदेश में पहले चरण के 11 जिलों की 58 सीटों पर मंगलवार को प्रचार समाप्त हो गया और दस फरवरी को इन सीटों पर मतदान होंगे. इस चरण की सभी सीटों पर सिर्फ दो बातों की चर्चा है- क्या बीजेपी अपना पिछला प्रदर्शन दोहरा पाएगी और क्या जयंत चौधरी अपने दादा और पिता की राजनीतिक विरासत को कायम रख सकेंगे?
सोमवार को बागपत विधानसभा सीट के अंतर्गत ढिकौली गांव में राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार अहमद हमीद के समर्थन में जनसभा हो रही थी. आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी भी वहां मौजूद थे. अपने संक्षिप्त भाषण में उन्होंने मतदाताओं को सिर्फ दो बातों की याद दिलाई. उनका कहना था, “बीजेपी सरकार ने जिस तरह चौधरी अजीत सिंह और किसानों का अपमान किया है, उसे इसकी सजा मिलनी चाहिए और यह सजा हम वोट के माध्यम से ही दे सकते हैं.”
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होना है. इस चरण में दिल्ली से लगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में मतदान होने हैं उनमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा और मथुरा की 58 विधानसभा सीटें शामिल हैं. साल 2017 में 53 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी जबकि दो सीटें समाजवादी पार्टी को और दो सीटें बहुजन समाज पार्टी को मिली थीं जबकि राष्ट्रीय लोकदल के हिस्से में सिर्फ एक सीट आई थी. पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था.
समीरात्मज मिश्र वरिष्ठ पत्रकार हैं. लंबे समय तक बीबीसी में संवाददाता रहे हैं. इस समय जर्मनी के पब्लिक ब्रॉडकास्टर डीडब्ल्यू से जुड़े हैं और यूट्यूब चैनल ‘द ग्राउंड रिपोर्ट’ के संपादक हैं.
ये एनालेसिस यूपी चुनाव को लेकर बन रही श्रृंखला का लेख है, इस श्रृंखला में आगे भी यूपी चुनाव 2022 के राजनैतिक समीकरणों और जनता के रुझान को लेकर के समीक्षा निंरतर जारी रहेगी।
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