उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला राजधानी लखनऊ से सटा हुआ है। वहीं, जिस पार्टी की छह विधानसभा सीटों पर सरकार बननी है, उसका बड़ा असर है। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने जिले की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी और फिर सत्ता में आई थी। 2017 के चुनाव में भी यही हुआ था। बीजेपी ने जिले की छह में से 5 सीटों पर जीत हासिल की और सत्ता में आई। जिले के गठन के बाद से ही यहां सपा का दबदबा था। सपा नेता बेनी प्रसाद वर्मा का यहां खासा दबदबा हुआ करता था। वहीं दूसरे नेता के तौर पर अरविंद सिंह गोप का नाम भी है। 2017 में जब मोदी लहर शुरू हुई थी तो इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी।
उत्तर प्रदेश का बाराबंकी राजधानी लखनऊ का एक पड़ोसी जिला है। राजधानी से 30 किमी की दूरी पर स्थित बाराबंकी में विधानसभा की कुल 6 सीटें हैं। 2012 के चुनाव में सपा ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं इस चुनाव में बीजेपी ने सपा से पांच सीटें छीन कर कब्जा कर लिया। वहीं, सपा को सिर्फ एक सीट मिली है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा का पूरे जिले में दबदबा है। वहीं रामनगर सीट का चुनावी इतिहास रहा है कि यहां की जनता ने कभी भी किसी विधायक को दूसरी बार नहीं चुना।
2017 के विधानसभा चुनाव में बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे राकेश वर्मा के लिए यह सीट चाहते थे, लेकिन सपा नेता अरविंद सिंह गोप ने यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। ऐसे में बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे को टिकट नहीं मिला। इस वजह से उनकी नाराजगी अरविंद सिंह गोप के दोबारा विधायक बनने की राह में रोड़ा बन गई। इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी शरद अवस्थी ने जीत हासिल की है। उन्होंने अरविंद सिंह गोप को 22727 मतों से हराया।
2012 में सपा ने बाराबंकी जिले की रामनगर सीट से अरविंद सिंह गोप को अपना उम्मीदवार बनाया था। इसी सीट से बहुजन समाज पार्टी के अमरेश कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया। यह चुनाव अरविंद गोप ने जीता था। उन्हें 77428 वोट मिले जबकि बसपा के अमरेश कुमार को 45204 वोट मिले। इस चुनाव में अरविंद सिंह ने बसपा प्रत्याशी को 32224 मतों से हराया और वह सपा सरकार में मंत्री भी बने।
वहीं 2017 के चुनाव में समीकरण बदल गए। इस (रामनगर विधानसभा) सीट के लिए बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने बेटे के लिए सपा से टिकट मांगा, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वे भड़क गए। यह नाराजगी सपा प्रत्याशी अरविंद सिंह पर भारी पड़ी। वहीं बीजेपी ने इस बार शरद कुमार अवस्थी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को 88937 वोट मिले थे। जबकि अरविंद सिंह गोप को 66210 वोट मिले थे। शरद कुमार अवस्थी ने अरविंद सिंह को 22727 मतों से हराया और इस सीट पर कब्जा किया।
वहीं, 2022 में बीजेपी के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि इस सीट को फिर से कैसे जीता जाए। क्योंकि रामनगर सीट का इतिहास यह है कि यहां से कोई भी पार्टी दूसरी बार नहीं जीती है।