यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी मैदान तैयार हो गए हैं। राजनीति के चर्चित चेहरों ने अपना गढ़ बचाने के लिए पूरी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। देशभर में सुर्खियों में रहने वाले गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद विधानसभा में मुख्तार अंसारी के भाई अफजल छह बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि 2017 में यह सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीती थी। अब 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी की नजर गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर होगी। तो जानिए इस सीट की सियासत का हाल…
मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट उस समय अचानक सुर्खियों में आ गई जब इसी सीट से तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया था। जिसमें उन्हें बाद में बरी कर दिया गया था। यह सीट हमेशा से हिंदू बनाम मुस्लिम के ध्रुवीकरण के लिए जानी जाती रही है। 2017 में भारतीय जनता पार्टी की अलका राय को 1,22,156 वोट मिले और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के सिबगतुल्लाह अंसारी को 32727 वोटों के अंतर से हराया। आने वाले चुनाव में इस सीट पर बीजेपी बनाम अंसारी परिवार की लड़ाई होगी।
मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट गाजीपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है। मोहम्मदाबाद विधानसभा चुनाव में जीत-हार के आंकड़ों पर नजर डालें तो कम्युनिटी पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने यह सीट पांच बार जीती है। यहां सपा, बसपा की भी जीत हुई है। हालांकि 1977 में राम जन्म राय जनता दल से विधायक बने। 1980 में कांग्रेस से विजय शंकर सिंह जीते। अफजल अंसारी 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 के चुनाव में छह बार विधायक चुने गए थे। 2002 में भाजपा के कृष्णानंद 61049 वोटों से जीते थे। 2007 में सपा के सिबगतुल्लाह अंसारी ने 53361 वोटों से जीत हासिल की थी। 2012 में कौमी एकता पार्टी से सिबगतुल्लाह अंसारी ने 66922 वोट पाकर जीत हासिल की थी।