उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी मौसम शुरू हो गया है। सत्ता में बैठने के लिए राजनीतिक दलों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव की तरह यूपी में अब तक किसी पार्टी की लहर नहीं दिख रही है। लेकिन यह तय है कि सत्ता में बैठे सभी लोग भाजपा से लड़ेंगे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हिंदुत्व फैक्टर, अपराध के खिलाफ सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर लगती है या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन आने वाले चुनावी मौसम में कड़ा मुकाबला होने वाला है। हम बात कर रहे हैं जाफराबाद विधानसभा की जहां 2017 के चुनाव में बीजेपी को 25 साल बाद सफलता मिली थी।
25 साल बाद भारतीय जनता पार्टी को जौनपुर की जाफराबाद विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में सफलता मिली। इससे पहले 1991 में बीजेपी के उमानाथ ने जीत दर्ज कर विधानसभा में अपनी जगह बनाई थी। 1993 में, सपा, बसपा गठबंधन के उम्मीदवार श्री राम यादव ने झंडा लहराया। 1996, 2002, 2007 में बहुजन समाज पार्टी के जगदीश नारायण ने अपनी पकड़ बनाए रखी थी। 2012 में यह सीट बसपा से समाजवादी पार्टी के सचिंद्र नाथ त्रिपाठी ने जीती थी। इस सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की। वहीं दूसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के जगदीश नारायण हैं।
बता दें की 2017 के विधानसभा चुनाव में जाफराबाद विधानसभा बीजेपी की गोद में आई थी। बीजेपी के डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने 85989 वोट पाकर विधानसभा में अपनी जगह बनाई थी। जबकि समाजवादी पार्टी के शचींद्र नाथ त्रिपाठी 61124 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। जाफराबाद विधानसभा सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा-भाजपा आमने-सामने होगी।