कांग्रेस हाईकमान का मिशन राजस्थान: संगठन महामंत्री वेणुगोपाल और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन आज रात आएंगे जयपुर,अब होगा मंत्री मंडल विस्तार ?

साथ ही गहलोत खेमे के जिन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा। उनकी नाराजगी और खेमा बदलने का डर भी सीएम को सता रहा है।
कांग्रेस हाईकमान का मिशन राजस्थान: संगठन महामंत्री वेणुगोपाल और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन आज रात आएंगे जयपुर,अब होगा मंत्री मंडल विस्तार ?

राजस्थान में फिर सियासत गर्माने जा रही है कांग्रेस के संगठन महामंत्री वेणुगोपाल रात तक पहुंचेंगे जयपुर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन भी आएंगे जयपुर
सड़क मार्ग से शाम 5 बजे दिल्ली से हो सकते हैं रवाना रात नौ बजे तक पहुंचेंगे जयपुर, गहलोत से करेंगे मुलाकात प्रदेश में मंत्रिमण्डल विस्तार को लेकर होगी चर्चा

वही राजस्थान में अब कांग्रेस हाईकमान जल्द मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठनात्मक नियुक्तियों का काम खत्म करने की कवायद में है। सचिन पायलट खेमे की मांगों का भी इसमें ध्यान रखा जाएगा। पायलट खेमे से तीन या इससे ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। किस खेमे से कितने मंत्री बनेंगे, यह आलाकमान तय करेगा। अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों को मंत्रिमंडल, राजनीतिक नियुक्तियों और ग्रास रूट स्तर पर कांग्रेस संगठन में भागीदारी देने का शेयरिंग फार्मूला तैयार हो रहा है।

पायलट ग्रुप पहले से ज्यादा मंत्री बनाने की मांग कर रहा है।

राजस्थान में अभी मुख्यमंत्री के अलावा 20 मंत्री हैं। प्रदेश में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं, इस लिहाज से 9 जगह खाली हैं। इन 9 जगहों के लिए कांग्रेस के दोनों खेमों में करीब 40 से ज्यादा दावेदार हैं। सचिन पायलट गुट अपने लिए जितने मंत्री चाह रहा है, उस पर पहले मुख्यमंत्री गहलोत तैयार नहीं थे। मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के पीछे गहलोत का सहमत नहीं होना ही माना जा रहा है। अशोक गहलोत पायलट कैंप को उसके विधायकों के हिसाब से ही मंत्री बनाने के फार्मूला पर जोर दे रहे हैं, जबकि पायलट ग्रुप पहले से ज्यादा मंत्री बनाने की मांग कर रहा है।

विस्तार से पहले गहलोत की दिल्ली यात्रा तय

राजस्थान में खाली पड़ी नौ जगहों पर मंत्री बनाने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने ढेरों चुनौतियां हैं। पायलट खेमे के अलावा गहलोत के सामने उनके समर्थक बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों और 13 निर्दलियों के साथ कांग्रेस दावेदारों को संतुष्ट करने की चुनौती है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गहलोत को मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के बाद पकड़ कमजोर होने की आशंका है। साथ ही गहलोत खेमे के जिन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा। उनकी नाराजगी और खेमा बदलने का डर भी सीएम को सता रहा है।

मंत्रिमंडल विस्तार की अभी तारीख तय नहीं है, लेकिन इस महीने के अंत तक या अगस्त के शुरू में फेरबदल-विस्तार हो सकता है। विस्तार से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस हाईकमान और वरिष्ठ नेताओं से मिलने दिल्ली जा सकते हैं। पहले गहलोत का शनिवार को दिल्ली जाने की चर्चा थी, लेकिन बताया जाता है कि सीएम ने अचानक अपना प्लान बदल दिया

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