RSS की तुलना तालिबान से करने के मामले में जावेद अख्तर के खिलाफ मुंबई पुलिस ने दर्ज की FIR

संगीतकार जावेद अख्तर का विवादों से गहरा नाता है। वह अक्सर अपनी बयानबाजी के कारण विवादों में घिर जाते हैं। एक बार फिर ऐसा ही कुछ हुआ है। जावेद अख्तर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी के लिए कानूनी संकट फंस गए हैं। जावेद अख्तर के खिलाफ RSS के खिलाफ बयान देने को लेकर FIR दर्ज की गई है।
RSS की तुलना तालिबान से करने के मामले में जावेद अख्तर के खिलाफ मुंबई पुलिस ने दर्ज की FIR

डेस्क न्यूज़- संगीतकार जावेद अख्तर का विवादों से गहरा नाता है। वह अक्सर अपनी बयानबाजी के कारण विवादों में घिर जाते हैं। एक बार फिर ऐसा ही कुछ हुआ है। जावेद अख्तर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी के लिए कानूनी संकट फंस गए हैं। जावेद अख्तर के खिलाफ RSS के खिलाफ बयान देने को लेकर FIR दर्ज की गई है। जावेद अख्तर के खिलाफ सोमवार यानी 4 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी।

RSS के खिलाफ दिया था बयान

दरअसल, मुंबई के एक वकील संतोष दुबे ने मुलुंड थाने में जावेद अख्तर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है। जावेद अख्तर ने पिछले महीने अपने एक इंटरव्यू में RSS के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने तालिबान और हिंदू चरमपंथियों के बीच आरएसएस की समानता की ओर इशारा किया। उनके बयान के बाद अब वकील ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। वकील ने पीटीआई को बताया, 'मैंने पहले जावेद अख्तर को कानूनी नोटिस भेजा था और उनसे अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा था, लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहे। अब मेरी शिकायत पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

100 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग

इससे पहले, वकील संतोष दुबे ने दावा किया था कि, अगर जावेद अख्तर 'बिना शर्त लिखित माफी' देने और नोटिस प्राप्त करने के सात दिनों के भीतर जवाब देने में विफल रहे, तो वह उनसे हर्जाना और उनके खिलाफ आपराधिक आरोप के रूप में 100 करोड़ रुपये की मांग करेंगे। मामला दर्ज कराएंगे। वकील ने दावा किया कि इस तरह के बयान देकर जावेद अख्तर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत अपराध किया है।

क्या हैं मामला?

जानकारी के लिए बता दें कि जावेद अख्तर ने कुछ समय पहले एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने आरएसएस के खिलाफ खुलकर अपने विचार रखे थे। उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि आरएसएस का समर्थन करने वालों की मानसिकता तालिबान जैसी है। आरएसएस का समर्थन करने वालों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'आप जिन लोगों का समर्थन कर रहे हैं और तालिबान में क्या अंतर है? उनकी जमीन मजबूत होती जा रही है और वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों की मानसिकता एक जैसी है। उनके इस बयान का पुरजोर विरोध हुआ।

अभी तक जावेद अख्तर ने अपने बयान पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और यह पहली बार नहीं है जब जावेद अख्तर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में आए हैं।

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