
काफी समय तक चर्चा में रहने वाले Aryan Khan Drug Case में कल नया मोड़ आया है। इस केस के प्रमुख गवाह प्रभाकर सेल की शुक्रवार को मौत हो गई, जिसके बाद से यह मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है।
प्रभाकर सेल (Prabhakar Sail) की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। प्रभाकर के वकील तुषार खंडारे ने इस बात की पुष्टी की। तुषार ने बताया कि शुक्रवार को चेंबूर के माहुल इलाके में स्थित प्रभाकर के निवास पर ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा। अस्पताल ले जाने से पहले ही प्रभाकर ने दम तोड़ दिया। प्रभाकर सेल का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके आवास पर लाया जाएगा। वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Aryan Khan Drug Case के प्रमुख गवाह प्रभाकर सेल (Prabhakar Sail) ने NCB अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। केस के स्वतंत्र गवाह प्रभाकर ने NCB कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दावा किया था कि क्रूज ड्रग्स केस (Mumbai Cruise Drugs Case) में फंसे आर्यन खान को छोड़ने के लिए शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी, केपी गोसावी और सैम डिसूजा के बीच 25 करोड़ रुपए में डील हो रही थी।
ये डील 18 करोड़ रुपए पर सील हुई थी। इसी डील के दौरान 8 करोड़ रुपए समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को दिए जाने की बात हुई थी। हालांकि प्रभारकर के आरोपों की पुष्टी नहीं हो पाई थी इन आरोपों की अभी जांच की जा रही है। ऐसे में प्रभाकर (Prabhakar Sail) की मौत ने इस केस में कई सवाल खड़े कर दिए है।
Aryan Khan Drug Case के शुरुआती दौर में केपी गोसावी काफी का नाम काफी चर्चा में रहा था। शाहरुख खान के बेटे आर्यन के साथ केपी गोसावी ने सेल्फी पोस्ट की जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। शुरु में लोगों को लग रहा था की यह NCB का कोई अधिकारी है पर बाद में पता चला कि गोसावी क्रूज ड्रग्स मामले में 10 स्वतंत्र गवाहों में से एक है। प्रभाकर सैल केपी गोसावी के बॉडीगार्ड थे।
2 अक्टूबर 2021 को NCB अधिकारी समीर वानखेड़े ने मुंबई से गोवा जा रहे शिप पर रेड़ की। इस रेड़ के दौरान NCB ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) सहित कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। हालांकि शिप पर आर्यन के पास कोई ड्रग्स नहीं मिले थे पर आर्यन काफी समय तक NCB की हिरासत में रहे थे। 28 अक्टूबर को इस केस में आर्यन को मुंबई कोर्ट द्वारा जमानत दी गई।आर्यन खान (Aryan Khan) का नाम आने से यह केस काफी समय तक चर्चा में रहा था। ऐसे में प्रभाकर सेल की मौत के बाद से यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है।