क्या राजस्थान में फिर हो सकता है बिजली का ब्लैक आउट

राजस्थान में एक बार फिर कोयले की कमी होने के कारण बिजली का संकट पैदा हो सकता है, तो वही दूसरी और केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के पारसा कॉल ब्लॉक में मिली मंजूरी पर स्थानीय लोगों को विरोध के कारण छत्तीसगढ़ सरकार ने रोक लगा दी हैं.
राजस्थान में कोयला संकट
राजस्थान में कोयला संकटSince independence
Updated on

दिसंबर का महीना शुरु हो चुका है, सर्दी अपने शबाब पर है। राजस्थान में रबी की फसल में सिंचाई चल रही है और हर तरफ ट्यूब चलने लगे हैं,शहर वालों के लिए गीजर और हीटर रोजमर्रा की जरूरत बन गए है। यानी की बिजली जरूरी नहीं बहुत जरूरी हो गई है अगर ऐसे में पता चले की आने वाले महीनों में बिजली गुल होने वाली है तो क्या होगा, ये हम नहीं कह रहे, बल्कि ये रिपोर्ट बता रही हैं.

राजस्थान में एक बार फिर बिजली संकट गहराया हुआ है. अक्टूबर के अंत में केंद्र सरकार ने छत्तसीगढ़ के पारसा कॉल ब्लॉक खान में माइनिंग की मंजूरी दी थी लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते छत्तीसगढ़ सरकार ने वहां माइनिंग पर रोक लगा दी .

खनन की मंजूरी से 5 मिलियन कोयले के उत्पादन होने की सम्भावना -

केंद्र सरकार ने राजस्थान विधुत निगम को छत्तीसगढ़ के सरगुजा परसा कॉल ब्लॉक 2015 में 841.538 हेक्क्टेयर खेत्र आवंटित किया गया था.केंद्र सरकार ने परसा कांता बेसिन के दूसरे चरण के 1.136 हेक्क्टेयर के वन भूमि में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग से मंजूरी मिलने के बाद ऊर्जा विभाग खनन शुरू करने की तैयारी में था लेकिन मामला छत्तीसगढ़ सरकार ने अटका दिया.

841.538 हेक्क्टेयर खनन के उत्पादन होने पर राज्य को 2.7 रेक कोयला मिलेगा. इस उत्पादन से 5 मिलियन कोयले के उत्पादन होने की सम्भावना है, वंही राजस्थान की बिजली उत्पादन कंपनियों को कोयले की वर्तमान मांग 72 हजार टन प्रतिदिन की है.

राजस्थान में बिजली संकट
राजस्थान में बिजली संकट

बिजली संकट में जिलों से भेदभाव -

कोयला की कमी के चलते आए बिजली संकट को देखते हुए राजस्थान सरकार ने प्रदेश भर में अघोषित बिजली कटौती करना शुरू कर दिया है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, लेकिन यह अघोषित बिजली कटौती भी भेदभाव पूर्ण तरीके से हो रही है। सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिए है की, जिन जिलों में पंचायती चुनाव होने है उन जिलों में बिजली कटौती नहीं होगी.

जयपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड के एक आदेश पर नजर डालें ,तो विधुत संकट को देखते हुए सभी जिला मुख्यालयों वह नगरपालिका क्षेत्रों में भी बिजली कटौती के आदेश जारी किए गए हैं , जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कई दिन से बिजली की अघोषित कटौती हो रही है। यह आदेश 8 अक्टूबर का है ,लेकिन इस आदेश को जब गौर से पढ़ा तो पता चला कि अलवर और धौलपुर के नगरपालिका क्षेत्रों में बिजली कटौती नहीं होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन दो जिलों में बिजली कटौती का आदेश जारी नहीं किया है। इधर ऐसे में जिन क्षेत्रों में चुनाव नहीं है वहां की जनता बिजली संकट से जूझ रही है और सरकार को कोस रही है. वहीं जिन क्षेत्रों में चुनाव है वहां की जनता को यह पता ही नहीं है कि प्रदेश में कोई बिजली संकट भी आया हुआ है.

महंगाई की मार: तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल गैस सिलेंडर किया महंगा, इस साल में कुल 655 रुपए बढ़े

विधुत विभाग को अगर बिजली की सप्लाई सुधरने में सफलता नहीं मिली तो रवि के सीजन में किसानो को बिजली की मार पड़ सकती है. वहीं दूसरी और बिजली कटौती से खेतों में ट्यूबवेल नहीं चल पाएंगे, ऐसे में फसलों का उत्पादन भी प्रभावित होने के आसार हैं। राजस्थान की जनता को बिजली कम्पनियो से महंगी दर पर बिजली खरीदनी पड़ सकती है.

Like and Follow us on :- Twitter Facebook Instagram YouTube

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com